मुम्बई, 26 मार्च (आईएएनएस)। भू-राजनीतिक चिंताओं के बीच ऊर्जा और दवा क्षेत्र की कंपनियों में होने वाली लिवाली आगामी सप्ताह बाजार की धारणा सकारात्मक बनाये रखेगी।अगले सप्ताह वित्त वर्ष की समाप्ति होने वाली है। इसके अलावा भू-राजनीतिक परिदृश्य पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। हालांकि, ऊर्जा, दवा और मीडिया समूहों में होने वाली लिवाली बाजार को गिरावट को थामे रखेगी।
एचडीएफसी (NS:HDFC) सिक्योरिटीज के उप शोध प्रमुख देवर्श वकील ने कहा कि अधिकतर समूहों के सूचकांक बढ़त में हैं और सकारात्मक संकेत दे रहे हैं। ऊर्जा, दवा और मीडिया समूह में सर्वाधिक तेजी का अनुमान है। बैंकिंग समूह भी अगले सप्ताह तेजी में रह सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर वैश्विक स्तर पर कोई बड़ी घटना नहीं हुई तो मंझोली और छोटी कंपनियों में भी निवेश धारणा मजबूत रहेगी।
गत सप्ताह शेयर बाजार रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण नकारात्मक रहा। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत सप्ताह 0.9 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट में और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.8 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट में रहा।
शुरूआती आंकड़ों के मुताबिक बीते सप्ताह विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बाजार से 5,344 करोड़ रुपये निकाले जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,821 करोड़ रुपये का निवेश किया।
कैपिटलवाया ग्लोबल रिसर्च की शोध विश्लेषक लिखिता छेपा ने कहा कि भारतीय बाजार में अभी बिकवाली हावी है और यह मुनाफावसूली तथा बाजार संतुलन के कारण हो रही है। इसी कारण यह अधिक चिंता की बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि कंपनियों के तिमाही वित्तीय परिणाम के अनुरूप अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है और मांग कोरोना महामारी के पूर्व के स्तर पर लौट रही है, इसी कारण हमारा अनुमान है कि भारतीय बाजार की धारणा सकारात्मक होगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि निफ्टी गत छह दिन से 17,000-17,400 अंक के बीच के स्तर पर है और इसके उपर होने पर बिकवाली का दबाव बढ़ जाता है। बाजार को लेकर हमारी धारणा सकारात्मक है और अनुमान है कि जल्द ही यह 17,600 से 17,750 अंक के बीच आ जायेगा।
उन्होंने कहा कि धातु, ऊर्जा, आईटी और मीडिया समूह जैसे दिग्गज क्षेत्र बाजार को समर्थन दे रहे हैं।
--आईएएनएस
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