मुंबई, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। रिलायंस (NS:RELI) कैपिटल की समाधान प्रक्रिया को पूरा करने की समय सीमा 90 दिन बढ़ाकर 1 फरवरी, 2023 कर दी गई है। मौजूदा समय सीमा 1 नवंबर को समाप्त हो रही है।प्रशासक 90 दिनों के विस्तार के लिए एनसीएलटी मुंबई से संपर्क करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह तीसरा विस्तार होगा, क्योंकि समय-सीमा को पूर्व में दो बार बढ़ाया जा चुका है।
दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के नियमों के अनुसार, प्रशासक को मूल रूप से रिलायंस कैपिटल के प्रस्ताव को 180 दिनों के भीतर - 3 जून तक बंद करना था।
इससे पहले, रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं ने 31 अक्टूबर तक 75 करोड़ रुपये की ईएमडी के साथ बाध्यकारी बोलियां जमा करने के लिए बोलीदाताओं को 30 दिनों का विस्तार दिया था।
बोली लगाने वाले इस 30 दिनों के विस्तार से खुश नहीं थे क्योंकि उनमें से अधिकांश ने 2-4 महीने के विस्तार की मांग की थी।
रिलायंस कैपिटल को अपने कई व्यवसायों के लिए 14 गैर-बाध्यकारी बोलियां प्राप्त हुई थीं। छह कंपनियों ने पूरी कंपनी के लिए बोलियां जमा की थीं, जबकि बाकी बोलीदाताओं ने इसकी कई सहायक कंपनियों के लिए बोलियां जमा की थीं।
टॉरेंट, इंडसइंड (NS:INBK), ओकट्री, कॉस्मिया फाइनेंशियल, ऑथम इन्वेस्टमेंट और बी राइट रियल एस्टेट ने रिलायंस कैपिटल की पूरी संपत्ति के लिए 4,000 करोड़ रुपये से 4,500 करोड़ रुपये की बोली जमा की है।
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कारोबार के लिए पिरामल फाइनेंस ने 3,600 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जबकि ज्यूरिख इंश्योरेंस की बोली 3,700 करोड़ रुपये है। तीसरी बोली लगाने वाले यानी एडवेंट ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के लिए 7,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई है।
सूत्रों के मुताबिक, पीरामल और ज्यूरिख अब रिलायंस के सामान्य बीमा कारोबार के लिए संयुक्त बोली लगाने पर विचार कर रहे हैं।
बीमांकिक मूल्यांकन के अनुसार, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस का मूल्य 9,450 करोड़ रुपये है।
जिंदल स्टील एंड पावर और यूवीएआरसी ने रिलायंस कैपिटल के एआरसी कारोबार के लिए बोलियां जमा कर दी हैं।
रिलायंस कैपिटल की अन्य मिश्रित संपत्तियों के लिए, तीन बोलीदाताओं - च्वाइस इक्विटी, ग्लोबल फिनकैप और ग्रैंड भवन - ने बोलियां जमा की हैं।
रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया की शुरूआत में, 54 से अधिक कंपनियों ने अपनी विभिन्न संपत्तियों के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) जमा की थी, जिनमें से केवल 14 अब मैदान में हैं।
--आईएएनएस
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