नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। आईआईएम रोहतक ने इस वर्ष नया कीर्तिमान स्थापित किया है। देश के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों में शुमार आईआईएम रोहतक के नए बैच में इस वर्ष दाखिला पाने वाले कुल स्टूडेंटस में से 78 प्रतिशत छात्राएं हैं। आईआईएम के मुताबिक इस वर्ष उनके नए बैच में 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के छात्रों का प्रतिनिधित्व है। यह आईआईएम के पोस्ट-ग्रेजुएट एमबीए प्रोग्राम का 14वां बैच है। आईआईएम के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि नए बैच में लिंग विविधता ने आईआईएम रोहतक का पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। पिछले साल आईआईएम के इस प्रमुख पाठ्यक्रम में 69 प्रतिशत महिला छात्राएं को दाखिला मिला था। इस साल आईआईएम ने महिला प्रतिनिधित्व के अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।
नए बैच के साथ प्रारंभ हुए पैनल डिस्कशन में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमीज के प्रोफेसर डॉ. गौतम सेन ने विचारधारा, विचारों और तथ्यों के कुशल मिश्रण और विज्ञापन जैसे विभिन्न तत्वों पर प्रकाश डाला और छात्रों को हानिकारक नैरेटिव से सावधान रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
आईआईएम के अनुसार उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार और हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने निरंतर आर्थिक विकास के लिए कानून के शासन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। दोनों डीजीपी ने उल्लेख किया कि कैसे भारत की नियम-शासन प्रणाली और स्वतंत्र न्यायपालिका काम करती है।
आईआईएम में उपस्थित राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य सचिव कमल किशोर ने कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी से आगे बढ़ने और सामाजिक रूप से जिम्मेदार कॉर्पोरेट बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। आपदा प्रबंधन में अपने समृद्ध अनुभव का लाभ उठाते हुए, उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय, कई उदाहरणों के माध्यम से प्राकृतिक खतरों को प्राकृतिक आपदाओं में प्रबंधन की भूमिका को समझाया।
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने नए बैच को सुरक्षा और सुरक्षा की अवधारणा का विस्तार समझाया। उन्होंने बताया कि कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमाओं की सुरक्षा से परे है और इसमें गरीबी उन्मूलन, ऊर्जा सुरक्षा, तकनीकी उत्कृष्टता और खाद्य सुरक्षा भी शामिल हैं। उन्होंने भारत को समुद्री सुरक्षा में अपना निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर अपनी सलाह के साथ चर्चा को बढ़ाया।
पैनल में उच्च-रैंकिंग कानून प्रवर्तन और आयकर अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने "कानून के माध्यम से सकारात्मक व्यावसायिक वातावरण बनाना" विषय पर विचार-विमर्श किया।
आईआईएम रोहतक के निदेशक प्रोफेसर धीरज शर्मा ने सत्र का संचालन किया पुलिसिंग सेवाओं की प्रकृति पर प्रकाश डाला। उन्होंने वास्तविक पुलिसिंग प्रथाओं को आकार देने में 'ब्रोकन विंडो' सिद्धांत जैसे सिद्धांतों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
--आईएएनएस
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