विशाखापत्तनम, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। विशाखापत्तनम कंटेनर टर्मिनल पर मछुआरों ने शनिवार को अपनी नावों के साथ विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि, कंपनी 20 साल पहले उनसे किए गए वादों को पूरा करे।मछुआरों ने 25 से अधिक नावों के साथ समुद्र में प्रवेश किया और जहाजों को टर्मिनल पर डॉकिंग करने से रोक दिया। उन्होंने टर्मिनल से निकलने वाले जहाजों के रास्ते को भी अवरुद्ध कर दिया। विरोध प्रदर्शन ने सुबह से टर्मिनल पर नियमित गतिविधियों को प्रभावित किया। सैकड़ों करोड़ के माल का निर्यात और आयात ठप हो गया।
मछुआरे मांग कर रहे थे कि कंपनी 20 साल पहले उनसे किए गए वादों को पूरा करे जब टर्मिनल के लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें 60 वर्ग गज की जगह, 1 लाख रुपये नकद और हर घर के लिए नौकरी देने का वादा किया गया था, लेकिन दो दशक बाद भी वादा पूरा नहीं हुआ। मछुआरों के नेताओं ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए अधिकारियों को 20 सितंबर तक का समय दिया था और चूंकि उनकी ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली, इसलिए उन्हें विरोध शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मत्स्य परिरामिकुला संक्षेमा संघम के एक नेता ने कहा कि मछुआरों ने अपनी जमीनें दे दीं क्योंकि उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनके साथ अन्याय नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें केवल 25,000 रुपये दिए हैं, लेकिन न तो बाकी बचे पैसों का भुगतान किया है और न ही उन्हें आवास आवंटित किया और ना ही नौकरी दी है।
मछुआरों के समूह ने कहा कि, उन्होंने विभिन्न स्तरों पर सभी अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि, उनकी मांगों को पूरा करने में और देरी करने के गंभीर परिणाम होंगे। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों को तैनात किया गया है।
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