कोलकाता, 8 नवंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में चार नई कंपनियां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में आ गई हैं।ये चार कंपनियां हैं हर्मीस वॉयजेस प्राइवेट लिमिटेड, मायापुर मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड, प्रीमियर स्पोर्ट्स टूरिज्म प्राइवेट लिमिटेड और आनंद ट्रेड कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड।
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के रिकॉर्ड के अनुसार, पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री ज्योतिप्रिया मलिक के पूर्व निजी सहायक अविजीत दास और उनकी पत्नी सुकन्या दास सभी कंपनियों में निदेशक हैं।
आरओसी रिकॉर्ड के अनुसार, हर्मीस वॉयजेस, मायापुर मर्चेंडाइज और प्रीमियर स्पोर्ट्स टूरिज्म के कार्यालय एक ही पते डायमंड हेरिटेज बिल्डिंग, 16 स्ट्रैंड रोड, 8वीं मंजिल, कमरा नंबर 810 सी, कोलकाता - 700001 पर पंजीकृत हैं। हालांकि, आनंद ट्रेड का पंजीकृत कार्यालय 6/2, भगवान चटर्जी लेन, बंट्रा हावड़ा - 711101 है।
सूत्रों ने कहा कि ईडी के अधिकारियों को संदेह है कि ये चार कॉर्पोरेट संस्थाएं वास्तव में राशन वितरण मामले में अवैध कमाई के बंटवारे के लिए बनाई गई शेल कंपनियां हैं।
इसके साथ ही केंद्रीय एजेंसी की जांच के दायरे में आने वाली शेल कंपनियों की कुल संख्या 10 हो गई है। सबसे पहले ईडी के अधिकारियों ने तीन ऐसी कंपनियों श्री हनुमान रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड, ग्रेसियस इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड और ग्रेसियस क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड की जांच की थी।
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के रिकॉर्ड के अनुसार, जबकि श्री हनुमान रियलकॉन की वर्तमान स्थिति "भंग" है। अन्य दो कंपनियों की स्थिति "अंडर लिक्विडेशन" है।
ईडी के अधिकारियों ने देखा कि इनके खातों में भारी मात्रा में पैसा आने के कुछ घंटों या मिनटों के भीतर ही पैसे निकाल लिये गये या दूसरे खातों में भेज दिये गये। यह स्पष्ट रूप से इस तथ्य की ओर इशारा करता है कि ये कंपनियां फंड डायवर्जन के एकमात्र उद्देश्य के लिए बनाई गई थीं।
जांच एजेंसी के अधिकारियों का दृढ़ता से मानना है कि इन कंपनियों को राशन वितरण मामले की आय को इधर-उधर करने के लिए ही सीमित अवधि के लिए सक्रिय रखा गया था।
इसके बाद, ईडी के अधिकारियों ने दो अन्य कंपनियों एजे एग्रोटेक और एजे रॉयल की पहचान की, जो पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिलों में स्थित हैं, जहां से जांच अधिकारियों ने हाल ही में कुल 16.80 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी।
जांच के दौरान एक और कंपनी पैकेज्ड आटा उत्पादन और विपणन इकाई अंकित इंडिया लिमिटेड का नाम आया है, जहां ईडी के अधिकारियों ने हाल ही में 1.40 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की है।
अंकित इंडिया लिमिटेड के कारण पश्चिम बंगाल में राशन वितरण मामले को बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले से जोड़ा है।
उक्त कंपनी के निदेशकों में से एक दीपेश चांडक को 1996 में बिहार में चारा घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि, बाद में वह सरकारी गवाह बन गया और रिहा भी हो गया।
--आईएएनएस
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