मुंबई, 24 अगस्त (आईएएनएस)। रेटिंग एजेंसी सीआरआईएसआईएल के अनुसार, इस वित्त वर्ष में 17 राज्यों के राजस्व में 7-9 प्रतिशत की मध्यम गति से बढ़ने की संभावना है।माल और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह और केंद्र से हस्तांतरण के साथ राजस्व में वृद्धि को स्वस्थ कर उछाल के पीछे देखा जा सकता है, जिसमें राज्यों के राजस्व का 43-45 प्रतिशत शामिल है, जिससे इस वित्तीय वर्ष में मजबूत दोहरे अंकों की वृद्धि दिखाने की उम्मीद है।
उपर्युक्त भारत के शीर्ष 17 राज्यों में कुल सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 85-90 प्रतिशत हिस्सा है।
सीआरआईएसआईएल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, राजस्व वृद्धि के लिए सबसे बड़ा प्रोत्साहन कुल राज्य जीएसटी संग्रह से आएगा, जो पिछले वित्त वर्ष में पहले ही 29 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। हम उम्मीद करते हैं कि यह गति बनी रहेगी और इस वित्त वर्ष में संग्रह में 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो बेहतर अनुपालन स्तरों, उच्च मुद्रास्फीति वाले वातावरण और स्थिर आर्थिक विकास द्वारा समर्थित है।
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी और बढ़ने की उम्मीद है। जबकि अनुपात वित्त आयोग द्वारा निर्धारित किया जाता है।
जबकि, मोटर ईंधन पर बिक्री कर से राज्यों के लिए ईंधन संग्रह लगभग सीमाबद्ध रहने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल की कीमतों में सालाना आधार पर 25 प्रतिशत की वृद्धि और बेहतर बिक्री की मात्रा का प्रभाव नवंबर 2021 और मई 2022 में पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी के बाद कम होगा।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं, वित्त आयोग अनुदान और राजस्व घाटे सहित केंद्र द्वारा प्रदान किए गए विभिन्न अनुदानों में बजट गणना और वित्त आयोग की शर्तो के आधार पर इस वित्तीय वर्ष में केवल मामूली वृद्धि दिखने की संभावना है।
--आईएएनएस
एसकेके/एएनएम