नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय बजट 2023 में कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप फंड की स्थापना से लेकर कृषि ऋण में बढ़ोतरी तक, कृषि क्षेत्र के कल्याण के लिए कई घोषणाएं की गई हैं।केंद्रीय बजट में सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को 1,15,531.79 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि पिछले बजट में 1,10,254 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
इस वर्ष के बजट में एक कृषि त्वरक कोष स्थापित करने की बात की गई है, जिसका उद्देश्य किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए नवीन और किफायती समाधान लाना है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा, यह कृषि पद्धतियों को बदलने, उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों को भी लाएगा।
मंत्री ने अपने बजट भाषण में घोषणा की कि पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। बजट में प्राकृतिक खेती के लिए अगले तीन वर्षो में 10,000 भारतीय प्राकृतिक खेती जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव है। सीताराम ने कहा, अगले तीन वर्षो में, हम 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की सुविधा प्रदान करेंगे। इसके लिए 10,000 जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो राष्ट्रीय स्तर पर वितरित माइक्रो-उर्वरक और कीटनाशक निर्माण नेटवर्क का निर्माण करेंगे।
बजट में वैकल्पिक और प्राकृतिक उर्वरकों को अपनाने और देशभर में 500 बायो-गैस संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए नई योजना का भी प्रस्ताव लाया गया है।
समुन्नति के संस्थापक और सीईओ, अनिल कुमार एसजी ने कहा, 20 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण लक्ष्य, कृषि-स्टार्टअप और उद्यमियों को स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आवश्यक समर्थन लाने के लिए कृषि त्वरक कोष, और विकेंद्रीकृत भंडारण बुनियादी ढांचा तैयार करना महत्वपूर्ण कदम है जो निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र पर गुणक प्रभाव डालेंगे।
हालांकि, कई किसान नेताओं ने सुझाव दिया कि बजट किसानों के लिए थोड़ा निराशाजनक रहा है। एआईकेएस के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव अजीत नवले ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के वादों के विपरीत किसानों की आय में लगातार गिरावट आई है। लोक संघर्ष मोर्चा (एलएसएम) की अध्यक्ष प्रतिभा शिंदे ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर बड़े उद्योगपतियों के हवाले करने के बाद अब भाजपा सरकार संकटग्रस्त किसानों को इस क्षेत्र में प्रवेश करने वाली बड़ी कंपनियों को सौंपने के लिए मजबूर कर कृषि क्षेत्र को निशाना बना रही है।
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कृषि अर्थशास्त्री देविंदर शर्मा ने ट्वीट किया, बहुत से लोग उम्मीद कर रहे थे कि बजट 2023 में कृषि पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन उन्हें निराशा की मिली।
--आईएएनएस
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