नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)। दिल्ली मेट्रो में यात्रियों ने इस वर्ष में अब तक नियमित यात्रा के लिए स्मार्ट कार्ड के प्रयोग के इस्तेमाल में वृद्धि दर्ज की है। कोविड महामारी से स्मार्ट कार्ड का प्रयोग लगभग 70 प्रतिशत रहा तो वहीं जनवरी 2022 से यह आंकड़ा लगभग 78 फीसदी तक पहुंच गया है।वर्ष 2020 में दिल्ली मेट्रो में 3-4 महीने के लिए स्मार्ट कार्ड का प्रयोग 100 प्रतिशत तक हो गया था, जब एहतियातन 169 दिनों तक लगातार लॉकडाउन के बाद सितंबर 2020 में मेट्रो सेवाएं पुन: बहाल हुई थी।
दरअसल वर्ष 2002 में यात्रा के लिए पेपर टिकट के स्थान पर टोकन (कांटैक्टलेस स्मार्ट टोकन) और स्मार्ट कार्ड (कांटैक्टलेस स्मार्ट कार्ड) जारी करने वाली संस्था के रुप में दिल्ली मेट्रो विश्व की पहली मेट्रो रेल बनी। वहीं पहले स्मार्ट कार्ड को विदेशी वेंडर द्वारा खरीदा जाता था लेकिन अब भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल आत्मनिर्भर भारत मिशन के अंतर्गत इसका निर्माण पूर्णरुप से भारत में ही होता है।
वर्तमान में, लगभग 2.5 करोड़ मेट्रो स्मार्ट कार्ड प्रयोग में हैं। प्रतिदिन औसतन 10-12 हजार मेट्रो स्मार्ट कार्ड की बिक्री मेट्रो स्टेशनों से होती है।
डीएमआरसी ने केवल स्मार्ट कार्ड प्रयोग करने वाले ग्राहकों के लिए अधिकतर मेट्रो स्टेशनों पर अलग से डेडीकेटेड एक्जिट गेट भी उपलब्ध कराया है। साथ ही प्रत्येक यात्रा पर 10 फीसदी छूट दी जाती है तथा कम भीड़-भाड़ वाले समय (ऑफ पीक आवर) में मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने पर 10 फीसदी की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
दिल्ली मेट्रो के प्रमुख कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि, डीएमआरसी ने हाल ही में, स्टेशनों पर यात्रियों के समय की बचत करने और उन्हें कतार से छुटकारा देने के लिए स्मार्ट कार्ड को रिचार्ज करने के लिए कई नई पहल की शुरूआत की है। जिसमें स्मार्ट कार्ड को टिकट वेंडिंग मशीन से रिचार्ज करने के लिए विभिन्न बैंको ने मेट्रो कॉम्बो कार्ड निर्गत करने, स्टेशन पर क्रेडिट या डेबिट कार्ड से लेनदेन की सुविधा के प्रयोग से नेट बैंकिंग और मोबाइल वालेट आदि विकल्प शामिल किया है।
डीएमआरसी अन्य मेट्रो प्रणालियों जैसे सिंगापुर और हांगकांग मेट्रो की भांति इस आंकड़े को बढ़ाने का इरादा रखती है, जहां मेट्रो के लगभग 100 फीसदी यात्री मेट्रो कार्ड द्वारा सुगम और आनंदायक यात्रा का प्रतिदिन लाभ उठा रहे हैं।
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