नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय स्टार्टअप्स में छंटनी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 24,250 से अधिक कर्मचारी अब तक घरेलू स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में अपनी नौकरी खो चुके हैं।प्रमुख स्टार्टअप कवरेज पोर्टल इंक42 के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, अब तक 84 स्टार्टअप द्वारा 24,256 कर्मचारियों की छंटनी की जा चुकी है।
कर्मचारियों को बर्खास्त करने वाले स्टार्टअप्स की सूची देश में बढ़ती ही जा रही है।
अग्रणी डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म प्रैक्टो ने कंपनी के निरंतर प्रदर्शन प्रबंधन और नियोजन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में 41 कर्मचारियों को निकाल दिया है, जिनमें ज्यादातर इंजीनियर हैं।
क्विक-ग्रॉसरी डिलीवरी प्रोवाइडर डंजो ने नए फंडिंग राउंड में 75 मिलियन डॉलर जुटाए जाने के बाद कम से कम 30 प्रतिशत यानि लगभग 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेंगलुरु की जेस्टमनी अपने कर्मचारियों की 20 फीसदी छंटनी कर रही है, जिसका असर करीब 100 कर्मचारियों पर पड़ेगा।
मीडिया ने बताया कि फैंटेसी ई-स्पोर्ट्स स्टार्टअप फैनक्लैश ने अपने लगभग 75 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
सूत्रों का हवाला देते हुए इंक42 ने बताया कि स्टार्टअप ने लगभग 100 कर्मचारियों को तीन राउंड में निकाल दिया, जिससे प्रभावित कर्मचारियों को दो महीने का वेतन विच्छेद पैकेज के रूप में मिला।
पिछले महीने के अंत में, अनएकेडमी के सह-संस्थापक और सीईओ गौरव मुंजाल ने घोषणा की कि वर्तमान वास्तविकताओं में हम जिन लक्ष्यों का सामना कर रहे हैं, उन्हें पूरा करने के लिए टीम के आकार को 12 प्रतिशत या 350 से अधिक कर्मचारियों को कम करने की जरूरत है।
लेऑफ टैली का नेतृत्व करने वाले स्टार्टअप्स में बायजूस, ओला, ओयो, मीशो, एमपीएल, लिवस्पेस इन्नोवेसर, उड़ान, अनएकेडमी और वेदांतु शामिल हैं।
इंटीरियर और नवीनीकरण प्लेटफॉर्म लिवस्पेस ने हाल ही में लागत में कटौती के उपायों के तहत कम से कम 100 कर्मचारियों की छंटनी की है।
ऑनलाइन स्टोर दुकान के लिए सास प्लेटफॉर्म ने अपने लगभग 30 प्रतिशत कार्यबल, या लगभग 60 कर्मचारियों को निकाल दिया- यह लगभग छह महीने में दूसरी छंटनी है।
हेल्थकेयर यूनिकॉर्न प्रिस्टिन केयर ने 350 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया और बिक्री, तकनीक और उत्पाद टीमों के कर्मचारियों को प्रभावित किया।
ऑनलाइन उच्च शिक्षा कंपनी अपग्रेड ने अपनी सहायक कंपनी कैंपस में लगभग 30 प्रतिशत कार्यबल को निकाल दिया।
--आईएएनएस
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