iGrain India - नई दिल्ली। भारत ब्रांड नाम के तहत पहले गेहूं का आटा और फिर चावल की बिक्री शुरू किये जाने के बाद केंद्र सरकार ने गेहूं और चावल को अपनी मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएफएफ) योजना में शामिल करने के प्रयास को मंजूरी दे दी है। खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने खुदरा बाजार में हस्तक्षेप करने के अपने प्रयास के तहत 29 रुपए प्रति किलो की दर से चावल तथा 27.50 रुपए प्रति किलो के दर से आटा बेचना शुरू किया है।
मालूम होता है कि इस कोष का उपयोग प्रमुख उत्पादों का बफर स्टॉक बनाने में किया जाता है और जब घरेलू बाजार भाव में तेजी आती है तब उस स्टॉक को रणनीतिक रूप से बजार में उतारा जाता है। अभी तक केवल प्याज, आलू और दलहनों के ही पीएफएफ में शामिल किया गया था जबकि अब चावल तथा गेहूं के को भी इसमें सम्मिलित करने की स्वीकृति दी गयी है। इससे केंद्र सरकार को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को अतिरिक्त राशी देनी पड़ेगी ताकि वह अन्य केंद्रीय कराया एजेंसियों नैफेड तथा एनसीसीएफ को भारत आटा और चावल की नियमित आपूर्ति कर सकें।
एफसीआई को गेहूं पर 435 रुपए प्रति क्विंटल तथा चावल पर 200 रुपए प्रति क्विंटल की सब्सिडी प्राप्त होगी जो नैफेड तथा एनसीसीएफ को इसकी आपूर्ति के एवज में दी जाएगी ताकि वह इसकी प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग करके भारत ब्रांड के तहत खुदरा बिक्री कर सकें।
आधिकारिक सूत्रों के अनुँस्र पीएसएफ उत्पाद की सूची में गेहूं तथा चावल को शामिल किये जाने से इस पर सब्सिडी का भुगतान आसान हो जाएगा। खुले बाजार बिक्री योजना के तहत गेहूं एवं चावल का मूल्य दिया गया है और कुछ शर्तें भी लगाई दी गयी हैं। उस पर दी जा रही सब्सिडी में जो बचत होगी उसे भारत ब्रांड नाम के तहत इस्म्तेमाल किया जा सकेगा। केंद्र सरकार के पास चावल का पर्याप्त स्टॉक है जबकि अगले महीने से गेहूं का स्टॉक भी बढ़ने लगेगा।