लखनऊ, 28 जून (आईएएनएस)। अपना दल पार्टी के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती इस बार राजनीतिक दलों के लिए नया मौका लेकर आई है। सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी सपा में भी इसे लेकर उत्साह देखा जा रहा है। इस जयंती कार्यक्रम को अपना दल के दोनों धड़े अलग-अलग मना रहे हैं।इस पूरी कवायद को लोकसभा चुनाव में ओबीसी वोट बैंक को रिझाने के रूप में देखा जा रहा है। अपना दल (सोनेलाल) की ओर से पार्टी के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती पर राजधानी में 2 जुलाई को एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री और पार्टी की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने इस बार कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए भाजपा समेत एनडीए के सभी सहयोगी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है। माना जा रहा है कि अपना दल इस कार्यक्रम के जरिए लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए की मजबूत एकता का संदेश भी देना चाहती हैं।
योगी सरकार में मंत्री व अपना दल (एस) के कार्यवाहक अध्यक्ष आशीष पटेल ने बताया कि अपना दल के संस्थापक डॉ सोनेलाल पटेल का 74वीं जयंती समारोह का आयोजन 2 जुलाई को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि समारोह में अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, यूपी में एनडीए के सहयोगी दल, निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद और अपना दल (एस) के सभी पदाधिकारी शामिल होंगे।
वहीं अपना दल कमेरावादी के राष्ट्रीय महासचिव पंकज सिंह ने बताया कि डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती पर उनकी पार्टी की ओर से दो कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। एक राजधानी लखनऊ में जिसकी अध्यक्षता सपा मुखिया अखिलेश यादव करेंगे। यहां पर जातिवार जनगणना पर संगोष्ठी होगी जिसमें सपा के वरिष्ठ नेता उदयवीर भी मौजूद रहेंगे। दूसरा कार्यक्रम पीलीभीत में होगा जिसकी तेजी से तैयारी हो रही है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल कहते हैं कि सोनेलाल पटेल का चार-पांच जिलों में प्रभाव रहा है। इनकी विरासत संभाल रही बेटियां भी कुछ सीटें जीतने की ताकत रखती है। इन दोनों को अलग-अलग दल साधने का प्रयास कर रहे है। भाजपा चाहती है कि उसे पटेल का पूरा समर्थन मिल जाए। सपा भी इसी ताक में है। सोनेलाल की जयंती को लेकर भाजपा और सपा अपना अपना कार्यक्रम कर रहे हैं। बनारस, चंदौली, मिर्जापुर, प्रतापगढ़ में इनका प्रभाव भी है। छोटे-छोटे दलों की कुछ सीटें जीतने की ताकत बड़े दलों के लिए बहुत मायने रखती है।
अपना दल के संस्थापक डाॅ. सोनेलाल पटेल के निधन के बाद उनकी बेटियों तथा पत्नी कृष्णा पटेल की भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा चरम पर है। बेटी अनुप्रिया पटेल पर उपेक्षा का आरोप लगाकर कृष्णा पटेल ने अलग पार्टी बना ली, जबकि अनुप्रिया पटेल ने अपना दल सोनेलाल का गठन किया है। अब सोनेलाल पटेल की राजनीतिक विरासत के लिए उनकी दोनों पुत्रियों के बीच सियासी जंग जारी है। केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) की अध्यक्ष हैं तो सिराथू सीट से सपा विधायक उनकी बड़ी बहन पल्लवी पटेल अपना दल (कमेरावादी) की वरिष्ठ नेता हैं।
--आईएएनएस
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