अहमदाबाद, 17 जुलाई (आईएएनएस)। अहमदाबाद सत्र न्यायालय ने पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के साथ सेना की गोपनीय जानकारी साझा करने में शामिल होने के लिए तीन व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।दोषी ठहराए गए व्यक्तियों में अहमदाबाद के जमालपुर के दो और राजस्थान के जोधपुर का एक निवासी शामिल है। उन्हें 2012 में अहमदाबाद जिला अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था।
लोक अभियोजक भरत पाटनी के नेतृत्व में अदालती कार्यवाही में 75 लोगों की गवाही हुई। जांच के दौरान पता चला कि जमालपुर के सिराजुद्दीन और राजस्थान के नौशाद अली ने अलग-अलग पाकिस्तान की यात्रा की थी और तैमूर तथा ताहिर नाम के आईएसआई एजेंटों के साथ बातचीत की थी।
खुलासा हुआ कि वे भारतीय सेना के बारे में संवेदनशील जानकारी आईएसआई एजेंटों के साथ साझा करके पैसा कमा रहे थे। उन्हें दो लाख रुपये मिले थे जिसमें वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के माध्यम से 1.96 लाख रुपये और मनीग्राम के माध्यम से 6,000 रुपये शामिल थे।
न्यायाधीश ए.आर. पटेल ने फैसले के दौरान टिप्पणी की कि अभियुक्तों ने अपने देश की तुलना में पाकिस्तान के प्रति अधिक स्नेह प्रदर्शित किया।
दोषी व्यक्तियों को आईपीसी की धारा 121 और 120 (बी) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उन्हें धारा 123 के तहत 10 साल की कैद की सजा, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 की धारा 3 , और आईटी अधिनियम 2000 की धारा 66 के तहत 14 साल की कैद की सजा भी मिली है।
इसके अतिरिक्त, उन पर सामूहिक रूप से कुल 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
--आईएएनएस
एकेजे