कोलकाता, 29 मार्च (आईएएनएस)। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़े अभियान में तीन महिला तस्करों से सात किलोग्राम सोना जब्त किया। साथ ही जवानों ने खेप के डीलर को भी पकड़ने में कामयाबी हासिल की।बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि सोने की कीमत लगभग 4.70 करोड़ रुपये है। इसे बांग्लादेश से भारत में तस्करी कर लाया गया था। आरोपियों को सोने सहित राजस्व खुफिया निदेशालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया है।
अधिकारी ने कहा, ''पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में गेदे सीमा चौकी पर तैनात 32 बीएन के बीएसएफ कर्मियों को खुफिया शाखा से गेदे-सियालदह लोकल ट्रेन द्वारा सोने की तस्करी के बारे में सूचना मिली थी।"
सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए जवान तुरंत सादे कपड़ों में ट्रेन में चढ़ गए और यात्रियों पर नजर रखने लगे। तीन महिलाओं का व्यवहार संदिग्ध लग रहा था। जवानों ने उन्हें तब ट्रैक किया जब वे गेदे से लगभग 20 किमी दूर मयूरहाट हॉल्ट पर उतरीं।
सादे कपड़ों में तैनात जवानों ने जैसे ही महिलाओं को इंतजार कर रहे एक व्यक्ति को कुछ पैकेज सौंपते हुए देखा, तभी उन्होंने उन्हें पकड़ लिया। जवानों को तलाशी में 20 सोने के बिस्कुट, चार सोने की ईंटें और सोने की ईंटों के आठ टूटे हुए टुकड़े मिले। यह सोना कोलकाता ले जाया जाना था।
गिरफ्तार महिला तस्करों की पहचान गेदे के माझेरपारा गांव निवासी अपर्णा बिस्वास, आशिमा मुहुरी और मिताली पाल के रूप में हुई है। व्यक्ति की पहचान नादिया के विजयपुर के चांदपुर गांव निवासी सौमेन बिस्वास के रूप में हुई है।
अधिकारी ने कहा, "महिलाओं ने दावा किया कि वे अपने गांव के एक अज्ञात व्यक्ति के लिए काम करती थीं जिसने उन्हें मयूरहाट तक सोना ले जाने और सौमेन बिस्वास को सौंपने के लिए एक हजार रुपये देने का वादा किया था। व्यक्ति फोन पर मिताली के संपर्क में था।"
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी और प्रवक्ता एके आर्य ने कहा कि कुख्यात तस्कर गरीब ग्रामीणों को निशाना बनाते हैं और उन्हें थोड़े से पैसे का लालच देकर ऐसी गतिविधियों में शामिल करते हैं।
--आईएएनएस
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