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बीजेपी पर भड़के एसटी हसन, कहा- मुस्लिम महिलाओं की वोटिंग परसेंटेज कम करना चाहते हैं ये लोग

प्रकाशित 25/05/2024, 10:50 pm
बीजेपी पर भड़के एसटी हसन, कहा- मुस्लिम महिलाओं की वोटिंग परसेंटेज कम करना चाहते हैं ये लोग

मुरादाबाद, 25 मई (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली बीजेपी ने मतदान केंद्रों पर मुस्लिम समुदाय की बुर्कानशीं महिलाओं की चेकिंग के लिए चुनाव आयोग से अतिरिक्त सुरक्षाबलों की मांग की थी। इस पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान ने निशाना साधा था। अब इस पर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने भी बीजेपी को आड़े हाथों लिया है।उन्होंने कहा, “बीजेपी का यह कदम मुस्लिम महिलाओं का शोषण है। आदमी वोट डालने जा रहा है या सीमा पार कर रहा है, जो कि आप इस तरह से जांच करेंगे। बीजेपी को इतनी ही चिंता है तो उसे बायोमेट्रिक सिस्टम से चुनाव कराना चाहिए ताकि इसमें कोई गड़बड़ी ना हो और सही इंसान वोट डाल सकें। जब बायोमेट्रिक सिस्टम से राशन दिया जा सकता है, तो वोट क्यों नहीं डाला जा सकता।“

सपा सांसद ने कहा, “आप इस तरह से एक महिला का शोषण कर रहे हैं। पहले आप उसका बुर्का उतारेंगे और इसके बाद उसके चेहरे का मिलान करेंगे। ऐसा करके आप उसका उत्पीड़न करेंगे। हमारे हिंदू भाइयों में भी तहजीब है कि वो घूंघट लगाते हैं और आप उनका भी घूंघट हटाएंगे। यह मुनासिब नहीं रहेगा। इससे बेहतर रहेगा कि बायोमेट्रिक सिस्टम से चुनाव कराए जाएं, ताकि फेक वोट ही ना पड़े।“

उन्होंने कहा, “बीजेपी अपने सियासी फायदे के लिए मुस्लिमों और उनके रीति-रिवाजों को टारगेट करती है। वो यह समझती है कि इससे शायद हिंदू भाई खुश होंगे। बीजेपी सोचती है कि वो ऐसा कर मतदाताओं का ध्रुवीकरण कर सकती है, लेकिन शायद इन्हें यह नहीं पता कि हमारे मुस्लिम समुदाय के साथ 80 फीसद हिंदू भाई खड़े हैं। हमारे हिंदू भाई हमारे साथ खड़े हैं, हमारे साथ रहते हैं, हमें सपोर्ट करते हैं, हम एकजुटता और एकता के साथ रहते हैं। बीजेपी बौखलाई हुई है, इसलिए वो यही सोच रही है कि कैसे भी करके इस पूरे चुनाव को सांप्रदायिक बना दे।“

उन्होंने आगे कहा, “अब ये लोग (बीजेपी) भी तो बहुत सारे फेक वोट डालते हैं। मुझे लगता है कि 40 से 50 पर्सेंट वोट फेक पड़ते हैं। मेरी तो यही मांग है कि बायोमेट्रिक सिस्टम से ही चुनाव कराए जाएं, ताकि हर प्रकार की विसंगति से बचा जाए। बीजेपी ऐसा कर मुस्लिमों के वोटिंग परसेंटेज को कम करने की कोशिश कर रही है। अगर इस तरह से ये लोग नकाब उतारेंगे तो आधी महिलाएं खुद ही वोट डालने नहीं आएंगी, जिससे परसेंटेज कम होगा।“

--आईएएनएस

एसएचके/एसकेपी

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