💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

समुद्र के तापमान में वृद्धि से बढ़ा धरती का पारा : डॉ. अनिल जोशी

प्रकाशित 29/05/2024, 08:22 pm
© Reuters.  समुद्र के तापमान में वृद्धि से बढ़ा धरती का पारा : डॉ. अनिल जोशी

देहरादून, 29 मई (आईएएनएस)। उत्तराखंड में गर्मी का कहर जारी है। मैदान से लेकर पहाड़ तक सूरज की तपिश से लोगों का हाल बेहाल है। गर्मी के मौसम में पहाड़ों का रुख करने वालों के लिए भी मुसीबत बढ़ी हुई है। पहाड़ों पर भी गर्मी का असर है। हालात ऐसे हैं कि इस साल प्रदेश में पड़ रही गर्मी ने पिछले सालों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।साल 2012 में मई महीने का अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस रहा था। वहीं, इस साल बुधवार को देहरादून का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। हालांकि, लोगों को गर्मी से राहत मिलने की संभावना भी जताई गई है। देहरादून के मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में एक जून से मौसम बदलने की संभावना है। प्रदेश के कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के अधिकांश जनपदों में बारिश की उम्मीद है।

दूसरी तरफ पर्यावरणविद् डॉ. अनिल जोशी का कहना है कि लगातार बढ़ता तापमान सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, देश के दूसरे हिस्सों में भी महसूस किया जा रहा है। लगातार बढ़ती गर्मी ग्लोबल वार्मिंग का ही नतीजा है। इसके कारण धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। गर्मी बढ़ने की एक वजह समुद्र के तापमान में वृद्धि है। जिसके कारण अभी आने वाले समय में गर्मी और बढ़ेगी। इसके साथ ही धरती का तापमान भी बढ़ेगा।

उन्होंने बताया कि आमतौर पर समुद्र का तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए, जो अब काफी बढ़ गया है। आज प्रदेश में जो गर्मी आप देख रहे हैं, उसका एक कारण हमारी नदियों और कई जलस्रोतों, पोखरों, तालाबों, गदेरों का सूखना भी है। प्राकृतिक जल स्रोत तापमान को कम करने में काफी सहायक होते हैं और वातावरण को ठंडा बनाने में काफी मदद करते हैं। ठंड के मौसम में बारिश नहीं होने से जंगलों की नमी खत्म हो गई। जिसके कारण वहां तेजी से आग फैली। इसका असर हमारे पर्यावरण पर पड़ा है।

डॉ. जोशी ने कहा कि आज विकास के नाम पर पेड़ों और जंगलों को काटा जा रहा है। उसका नतीजा यह है कि धरती का तापमान बढ़ गया है। जिस तरह से चारधाम यात्रा में श्रद्धालु आ रहे हैं, उससे भी हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। गाड़ियों की बढ़ती भीड़ से भी पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। यदि हमें धरती के तापमान को कम करना है तो उसके लिए सबसे पहले हमें समुद्र के तापमान को कम करना होगा।

--आईएएनएस

स्मिता/एबीएम

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित