नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि कई महत्वपूर्ण बातों को इस बजट में अनदेखा कर दिया गया है, जिसकी आलोचना की जानी चाहिए।उन्होंने कहा, बजट के जरिए केंद्र की मोदी सरकार ने अपने खोखले वादों को प्रदर्शित करने का प्रयास किया। सरकार ने ऐसा कर यह दिखाने की कोशिश की है कि वो खोखले वादे करने में तनिक भी पीछे नहीं है, लेकिन इससे कुछ खास होने वाला नहीं है। जनता समझदार है, वो सब देखती है।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “बजट में केंद्र सरकार ने एक या दो नहीं, बल्कि कई महत्वपूर्ण बातों का जिक्र नहीं किया है। इसमें मनरेगा का जिक्र नहीं किया गया, जो गरीबों के लिए सबसे प्रमुख योजनाओं में से एक है। इसके अलावा, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी लाने की दिशा में भी बजट में कोई विशेष ध्यान नहीं रखा गया है। उधर, मौजूदा जीडीपी की दर को कैसे बढ़ाना है, इस दिशा में भी सरकार ने बजट के जरिए यह बता दिया कि देश की जीडीपी कुछ भी रहे, हमें इससे कोई सरोकार नहीं है। लोगों के व्यक्तिगत आय में कैसे इजाफा हो, इस दिशा में भी सरकार पूरी तरह से निष्क्रिय नजर आ रही है। पिछले दस सालों में लोगों की आय में गिरावट देखने को मिल रही है। मुझे नहीं लगता कि इस बजट में कुछ ऐसा है, जिससे खुश हुआ जा सके।”
उन्होंने आगे कहा, “शेयर मार्केट से जुड़े लोगों ने भी बजट को लेकर नकारात्मक प्रतिक्रिया ही दी है। मैं तो कुल मिलाकर यही कहूंगा कि इस बजट में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे लोग खुश हो सकें। मुझे लगता है कि सरकार को अपने इस बजट को लेकर एक दफा फिर से आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया, तो उसे आगामी दिनों में निराशा का सामना करना पड़ सकता है।”
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पूर्ण बजट पेश किया। सरकार का दावा है कि इसमें अर्थव्यवस्था के विभिन्न कारकों को सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत करने की कोशिश की गई है। इसके अलावा, कैसे देश में विकास की गति को तेज किया जा सके, इस दिशा में भी बजट के जरिए नई रूपरेखा खींचने का प्रयास किया गया है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बजट की तारीफ की। उन्होंने इसे लोगों के कल्याण से जुड़ा बजट बताया। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि इसमें लोगों के हितों को विशेष प्राथमिकता दी गई है।
ध्यान दें, इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री ने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था। इसके बाद अब लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पूर्ण बजट पेश किया गया है। इसमें केंद्र सरकार ने समाज के विभिन्न तबकों के लोगों के हितों का विशेष ख्याल रखा गया है।
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