नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की तरफ से 1,800 चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें बजट के प्रावधानों को लेकर चर्चा हुई।आईसीएआई के प्रेसिडेंट सीए रंजीत कुमार अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया, "बुधवार को 1,800 चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ एक सेमिनार का आयोजन हुआ। इसमें बजट के प्रावधानों पर चर्चा की गई। सरकार ने आयकर, जीएसटी और सीमा शुल्क में जो बदलाव किये हैं, उन पर भी चर्चा हुई।"
आईसीएआई अध्यक्ष ने आगे बताया, "सरकार ने इस बार बजट में लिटिगेशन कम करने की कोशिश की है। जैसे हम टीडीएस का पेमेंट करते थे और उसमें देरी होती थी तो उसको दंडनीय अपराध माना जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "सर्च एंड सीजर में ब्लॉक असेसमेंट का एक प्रावधान रखा गया। अब 60 प्रतिशत पर ब्लॉक एसेसमेंट हम कर पाएंगे, जो पहले नहीं था। बजट में 'विवाद से विश्वास स्कीम' को लाया गया है। सरकार ने कहा है कि इनकम टैक्स में हम इसको लेकर आएंगे इस तरीके से टीडीएस में काफी बदलाव किया गया है।"
उन्होंने कहा कि यदि सारे प्रावधानों को ध्यान से देखें तो सरकार ने राहत दी है। टैक्स में भी थोड़ी राहत दी गई है। बजट में सबसे ज्यादा चर्चा स्किल डेवलपमेंट के लिए हो रही है। सरकार ने देश की युवा आबादी पर भी ध्यान दिया है।
बजट को लेकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया, "इस बजट को मैं बहुत सकारात्मकता से देखता हूं। मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिली है। सैलरीड क्लास का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी बढ़ा है। टैक्स के जो प्रावधान लाए गए हैं। उसमें मध्यम वर्ग के लिए एक सकारात्मक बदलाव है।"
उन्होंने आगे कहा, "शीर्ष 500 कंपनियों में युवाओं को इंटर्नशिप करने का मौका देना काफी अच्छी पहल है। इससे युवाओं को उनकी रुचि के क्षेत्र में काम करने का अवसर मिलेगा और लाभ होगा।"
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