💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

बर्थडे स्पेशल : इंदिरा गांधी का विरोध करने पर आपातकाल में गए थे जेल, कुलदीप नैयर को वीपी सिंह से मिला था बड़ा ईनाम

प्रकाशित 14/08/2024, 06:27 pm
बर्थडे स्पेशल : इंदिरा गांधी का विरोध करने पर आपातकाल में गए थे जेल, कुलदीप नैयर को वीपी सिंह से मिला था बड़ा ईनाम
DSBc1
-

नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय पत्रकारिता की जब बात होती है तो सबसे पहला नाम जहन में कुलदीप नैयर का आता है। कुलदीप नैयर देश के जाने-माने पत्रकार और लेखक थे। उन्होंने इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल का विरोध किया था। यही नहीं, उन्होंने प्रेस की आजादी और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा आवाज उठाई।दरअसल, भारत के प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार कुलदीप नैयर का जन्म 14 अगस्त 1924, सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा सियालकोट में हुई। बाद में उन्होंने लाहौर से लॉ की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने पत्रकारिता की डिग्री ली।

कुलदीप नैयर की जन्मभूमि भले ही पाकिस्तान रही हो, लेकिन उनकी कर्मभूमि भारत रही। कुलदीप नैयर ने भारत में घटित हुई कई घटनाओं को बहुत करीब से देखा। उन्होंने देश के विभाजन से लेकर 15 अगस्त 1947 को मिली स्वतंत्रता को देखा। यही नहीं वह महात्मा गांधी की हत्या, भारत-चीन युद्ध, भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971) और आपातकाल की घटनाओं के गवाह बने।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक उर्दू प्रेस रिपोर्टर के तौर पर की। वह दिल्ली के समाचार पत्र द स्टेट्समैन के संपादक थे। और उन्हें आपातकाल का विरोध करने पर गिरफ्तार भी किया गया। वह 1990 में वीपी सिंह सरकार में ग्रेट ब्रिटेन के उच्चायुक्त भी बने। इसके बाद वह 1996 में संयुक्त राष्ट्र के लिए जाने वाले भारत के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे। 1997 में पहली बार नैयर राज्यसभा सदस्य पहुंचे।

कुलदीप नैयर ने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखी। इनमें इंडिया हाउस (1992), इंडिया ऑफ्टर नेहरू (1975), डिस्टेंस नंबर्स, ए टेल ऑफ सबकॉन्टिनेंट (1972), द जजमेंट इनसाइड स्टोरी ऑफ इमरजेंसी इन इंडिया (1977), वाल एट वाघा-इंडिया पाकिस्तान रिलेशनशिप (2003) शामिल हैं।

कुलदीप नैयर ने अपनी आत्मकथा 'बियॉन्ड द लाइंस' (एक जिंदगी काफी नहीं) में कई अहम घटनाओं पर बात की। अपनी आत्मकथा में नैयर ने इस बात को माना कि उन्होंने अनौपचारिक रूप से लाल बहादुर शास्त्री को उनकी छवि मजबूत करने के बारे में सलाह दी। पंडित नेहरू की मौत के बाद उन्होंने ही यूएनआई में एक खबर लगाई थी, जिसमें यह कहा गया कि मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री पद की रेस में सबसे आगे हैं। हालांकि, उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री पद का दूसरा उम्मीदवार बताया था। इस खबर से मोरारजी देसाई की छवि को नुकसान पहुंचा और उनकी जगह लाल बहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने।

यही नहीं कुलदीप नैयर ने अपनी किताब में ये भी दावा किया कि वीपी सिंह के जनता दल के अध्यक्ष चुने जाने के दौरान, जो हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ था, उसकी स्क्रिप्ट उन्होंने ही लिखी थी। इसका इनाम बाद में उन्हें ब्रिटेन का उच्चायुक्त बनकर मिला।

उन्होंने अपने करियर के दौरान डेक्कन हेराल्ड, द डेली स्टार, द संडे गार्जियन, द न्यूज़, द स्टेट्समैन, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून पाकिस्तान, डॉन पाकिस्तान समेत कई समाचार पत्रों के लिए 14 भाषाओं में कॉलम भी लिखे।

कुलदीप नैयर को अपने जीवनकाल में कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। 23 नवंबर 2015 को उन्हें पत्रकारिता में आजीवन उपलब्धि के लिए रामनाथ गोयनका स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1978 में उन्होंने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की स्थापना की थी। पत्रकार और लेखक कुलदीप नैयर का 23 अगस्त, 2018 को दिल्ली के एस्कॉर्ट्स अस्पताल में निधन हो गया।

--आईएएनएस

एफएम/एसकेपी

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित