नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे जुल्म को लेकर ‘विपक्ष की चुप्पी’ पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि हर मसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने वाले विपक्षी दलों ने अब तक बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर एक शब्द नहीं कहा है।आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “पूरा विश्व एक सुर में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे जुल्म की निंदा कर रहा है। लेकिन, इसे भारत के लोकतंत्र का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि विपक्षी दलों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। अब परिस्थितियां ऐसी बन चुकी हैं कि यह तथाकथित धर्मनिरपेक्षता देश के लोकतंत्र के लिए खतरा बन चुका है। अगर आप पर जुल्म होगा, तो आप अपनी बात रखेंगे और दूसरों पर होगा, तो आप खामोश हो जाएंगे। यही भारतीय राजनीति में विपक्ष का दोगलापन है।”
उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे जुल्म को लेकर अखिलेश यादव की खामोशी पर सवाल उठाये। उन्होंने दो टूक कहा, "आखिर अखिलेश यादव ने अब तक इस पर अपना मुंह क्यों नहीं खोला है? वे चुप क्यों हैं? राहुल गांधी ने अब तक इस पर मुंह क्यों नहीं खोला है? कहां है उद्धव ठाकरे का हिंदू हृदय सम्राट का तमगा? तेजस्वी यादव, शरद पवार, ममता बनर्जी सबने इस मसले पर अपना मुंह सिल लिया है। कोई भी बोलने को तैयार क्यों नहीं हो रहा है? अगर इनमें से एक-दो लोग इस पर बयान देते भी हैं, तो कहते हैं कि बांग्लादेश में 'अल्पसंख्यकों के साथ जो हो रहा है'। वे 'हिंदू' शब्द बोलने से कतराते हैं।”
इस बीच, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "आखिर ये सब क्या हो रहा है? ये लोग हिंदू शब्द तक उच्चारित नहीं करते हैं। हिंदुओं पर इतना अत्याचार हो रहा है, लेकिन ये लोग एक शब्द तक बोलने को तैयार नहीं होते हैं। इसलिए, मैंने इस बात पर जोर दिया कि जिस तरह से ‘कश्मीर फाइल्स’ बनी थी, उसी तरह से अब बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही ज्यादती पर कोई न कोई फिल्म बननी चाहिए, ताकि सब लोग सच्चाई से रू-ब-रू हो सकें। कश्मीर को लेकर जब फिल्म बनाई गई थी, तो सभी विपक्षी उसे गलत साबित करने में लगे हुए थे।"
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अजीत अंजुम को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, "अजीत अंजुम जब प्रधानमंत्री से सवाल करते हैं, तो इन लोगों के चहेते बन जाते हैं और जब इन्होंने महुआ मोइत्रा से बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही ज्यादती पर सवाल कर लिया, तो उन्होंने अजीत अंजुम को ब्लॉक कर दिया। मैं देख रहा हूं कि सोशल मीडिया पर ये लोग माहौल बनाने में लगे हुए हैं। यही इन लोगों का दोगलापन है, जिसे मैं लोगों के सामने लाने का प्रयास कर रहा हूं और कुछ लोग इसे समझने का भी प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह स्थिति किसी देश के लिए ठीक नहीं है। मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह इस देश और लोकतंत्र के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है।"
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर हमले बढ़ रहे हैं। हालांकि, वहां की अंतरिम सरकार ने हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों को हरसंभव सुरक्षा का आश्वासन दिया है। मंगलवार को अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने पीड़ित हिंदुओं से मुलाकात भी की थी और उनसे आग्रह किया था कि वे सरकार को लेकर किसी प्रकार का पूर्वाग्रह बनाने से बचें। उन्होंने कहा, "हमारे लिए इस देश का हर नागरिक सर्वोपरि है, उसकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।"
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को पद ग्रहण करने पर बधाई दी थी, तो उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर ध्यान दिया जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
--आईएएनएस
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