💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

'लेटरल एंट्री' पर मचे सियासी बवाल के बीच अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस और सोनिया गांधी पर साधा निशाना

प्रकाशित 20/08/2024, 02:49 am
\'लेटरल एंट्री\' पर मचे सियासी बवाल के बीच अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस और सोनिया गांधी पर साधा निशाना
UNIs/USD
-

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। लेटरल एंट्री पर मचे सियासी बवाल के बीच कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार में मनमोहन सिंह और मोंटेक सिंह अहलूवालिया जैसे लोगों को प्रशासनिक भूमिकाओं में शामिल किया गया था।

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कह रहे हैं कि लेटरल एंट्री के जरिये आरएसएस कैडर को सिविल सेवाओं में शामिल करने की एक चाल है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी लेटरल एंट्री का हिस्सा थे। डॉ. मनमोहन सिंह को 1976 में सीधे वित्त सचिव कैसे बनाया गया था? योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी लेटरल एंट्री का हिस्सा थे।

"जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए, तो उन्होंने पूछा कि क्या इसके लिए कोई व्यवस्था है। उदाहरण के लिए राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का गठन किया गया और सोनिया गांधी को इसका अध्यक्ष बनाया गया। क्या यह कोई संवैधानिक पद है? आपने उन्हें प्रधानमंत्री से ऊपर रखा। लेटरल एंट्री की शुरुआत आपने की थी। पीएम मोदी ने इसे औपचारिक रूप से स्थापित किया। 2005 में प्रशासनिक सुधार आयोग की रिपोर्ट जारी की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। आप 2004 से 2014 तक सत्ता में थे और कुछ नहीं किया। पीएम मोदी ने व्यवस्था को व्यवस्थित किया। उन्होंने कहा कि यूपीएससी उचित प्रक्रियाओं के माध्यम से भर्ती को संभालेगा।"

उन्होंने कहा कि, "ये संयुक्त सचिव, निदेशक या उप सचिव जैसे अनुबंध आधारित पद हैं, जहां उम्मीदवारों को अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ होना चाहिए। उदाहरण के लिए, किसी पर्यावरणीय मुद्दे को प्रासंगिक विशेषज्ञता वाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रबंधित किया जाना चाहिए। यह एक खुली प्रक्रिया है, जहां कोई भी आवेदन कर सकता है। विभिन्न क्षेत्रों में पेशेवरों को लेटरल एंट्री के माध्यम से शामिल किया जाता है और एससी-एसटी, ओबीसी उम्मीदवार भी इसके माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। वहीं यूपीएससी की रिक्तियां अलग रहती हैं। विपक्ष का अचानक ओबीसी प्रेम उमड़ा है। ये लोग आरक्षण पर खतरे का अफवाह फैलाने में जुटे हुए हैं। वे एससी-एसटी और ओबीसी छात्रों को गुमराह कर रहे हैं।"

बता दें कि विभिन्न मंत्रालयों में सचिव और उपसचिव की नियुक्ति संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के जरिए होती है। यह देश की सर्वाधिक कठिन परीक्षाओं में से एक है। प्रतिवर्ष इसमें लाखों अभ्यर्थी हिस्सा लेते हैं, लेकिन कुछ को ही सफलता मिल पाती है।

वहीं, केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री की व्यवस्था करने का फैसला किया है। इसके अंतर्गत बिना यूपीएससी एग्जाम दिए अभ्यर्थी इन पदों पर दावेदारी ठोक सकते हैं। इसी को लेकर राजनीतिक संग्राम मचा हुआ है। विपक्षी दलों का कहना है कि इससे दलित, ओबीसी और आदिवासी समुदाय के लोगों के हितों पर कुठाराघात होगा। ऐसे में इस व्यवस्था को जमीन पर उतारने से बचना चाहिए।

साल 2018 में केंद्र सरकार ने इस व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया था। जिसके अंतर्गत कोई भी अभ्यर्थी मंत्रालयों में सचिव और उप सचिव जैसे पदों को पा सकता है।

--आईएएनएस

एकेएस/जीकेटी

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित