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यूपी में 28 चकबंदी अधिकारियों पर गिरी गाज, भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप

प्रकाशित 31/08/2024, 09:38 pm
यूपी में 28 चकबंदी अधिकारियों पर गिरी गाज, भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप

लखनऊ, 31 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता पर आठ मंडल के दो दर्जन से अधिक चकबंदी अधिकारियों पर गाज गिरी है। इसमें 13 बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के खिलाफ निलंबन, जवाब-तलब और अनुशासनिक कार्रवाई की गयी है। वहीं एक उप संचालक चकबंदी अधिकारी को पद से हटाने के निर्देश दिये गये हैं, जबकि एक उप संचालक चकबंदी अधिकारी से लापरवाही पर जवाब तलब किया गया है। इसी तरह एक चकबंदी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, एक सहायक चकबंदी अधिकारी का वेतन रोकने के साथ स्पष्टीकरण तलब किया गया है। इसके अलावा तीन सहायक चकबंदी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी है।

इतना ही नहीं, एक सेवानिवृत्त सहायक चकबंदी अधिकारी द्वारा सेवाकाल में अनियमितता पर पेंशन में 20 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसके अलावा कई अन्य के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की गई है।

चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि हाल ही में समीक्षा बैठक में कई अधिकारियों के काम में लापरवाही, अनियमितता और भ्रष्टाचार में लिप्त गतिविधियां पायी गई थीं। इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी गयी, जिस पर सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये गये। इसी क्रम में आठ मंडल -- प्रयागराज, वाराणसी, मीरजापुर, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या और देवीपाटन के चकबंदी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इनमें बरेली, हरदोई, ललितपुर, उन्नाव, चित्रकूट और जौनपुर के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी पवन कुमार सिंह, श्रीप्रकाश चंद्र उत्तम, राकेश कुमार, सुरेश कुमार सागर, मनोहर लाल और स्वतंत्र वीर सिंह यादव को चकबंदी कार्यों में अपेक्षित प्रगति न होने पर जवाब तलब किया गया है। वहीं प्रतापगढ़ के उप संचालक चकबन्दी/मुख्य राजस्व अधिकारी राकेश कुमार गुप्ता को पर्यवेक्षणीय दायित्व का निर्वहन न करने पर स्पष्टीकरण तलब किया गया है, जबकि गोरखपुर के उप संचालक चकबन्दी अधिकारी राज नारायण त्रिपाठी को कार्य की प्रगति संबंधी सूचना न देने पर पद से हटाने के लिए नियुक्ति विभाग को पत्र लिखा गया है। वहीं सेवानिवृत्त सहायक चकबंदी अधिकारी रमेश पाल सिंह राणा द्वारा सेवाकाल में अनियमितता पर पेंशन में 20 प्रतिशत कटौती करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

आयुक्त ने बताया कि कुशीनगर के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी संतोष कुमार को कार्य में लापरवाही पर निलंबित कर दिया गया। साथ ही विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा वाराणसी के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी पवन कुमार सिद्धू को धारा-52 में लक्षित ग्राम अजगरा का कार्य पूर्ण न करने तथा स्थानान्तरित चकबन्दी लेखपालों को अवमुक्त न करने के कारण वेतन करने के साथ अनुशासनिक कार्यवाही की गयी। इसके साथ ही कार्य में शिथिलता पर शाहजहांपुर, मीरजापुर, गोरखपुर और देवरिया के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी मोहन लाल तत्कालीन, नरेंद्र सिंह, शशिकांत शुक्ला और पवन पांडेय के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही की गई है। यही नहीं कन्नौज के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी धर्मेंद्र सिंह, बाराबंकी के चकबंदी अधिकारी शिव नारायण गुप्ता, बाराबंकी के कनिष्ठ सहायक उमाशंकर को जांच में अनियमितता पर अनुशासनिक कार्यवाही की गई। फतेहपुर के ग्राम ललौती का कार्य लक्ष्य के अनुसार पूर्ण न होने पर सहायक चकबंदी अधिकारी महेंद्र सिंह का वेतन रोक दिया गया। साथ ही स्पष्टीकरण तलब किया गया है। इसी तरह बलरामपुर के सहायक चकबंदी अधिकारी संदीप यादव द्वारा ग्राम मस्जीदिया का कार्य पूर्ण न करने पर अनुशासनिक कार्यवाही की गयी।

चकबन्दीकर्ता और चकबंदी लेखपाल को निलंबित करने के दिये निर्देश प्रयागराज के ग्राम राजेपुर सराय अरजानी और प्रतापगढ़ के ग्राम धीमी का कार्य लक्ष्य के अनुसार पूर्ण न होने पर संबंधित सहायक चकबन्दी अधिकारी को चिन्हित कर अनुशासनिक कार्यवाही की गयी। जौनपुर के ग्राम तियरा का कार्य पूर्ण न होने पर सहायक चकबंदी अधिकारी संजय मौर्य के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही एवं चकबन्दीकर्ता, चकबन्दी लेखपाल को चिन्हित कर निलंबित कर विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिये गये। आजमगढ़ के ग्राम महुआ का कार्य पूर्ण न होने पर संबंधित सहायक चकबन्दी अधिकारी का स्पष्टीकरण एवं चकबन्दीकर्ता, चकबन्दी लेखपाल का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए अनुशासनिक कार्यवाही के निर्देश दिये गये।

--आईएएनएस

विकेटी/एसकेपी

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