मुंबई, 23 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में सेवा पखवाड़ा के तहत सोमवार को मुंबई के कोलाबा स्थित होली नेम हाई स्कूल में इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन (आईएमएफ) द्वारा ईसाई समुदाय के साथ "शांति और सद्भाव के लिए प्रार्थना" का आयोजन किया गया।बॉम्बे के आर्कबिशप कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस के नेतृत्व में ईसाई समुदाय ने करुणा, सामाजिक न्याय और समुदाय की भलाई के लिए प्रार्थना की। प्रार्थना के दौरान, ईसाई समुदाय के साथ-साथ राज्यसभा सांसद और आईएमएफ के कन्वीनर सतनाम सिंह संधू के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दीर्घायु और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए उनके नेतृत्व को जारी रखने के लिए प्रार्थना की। प्रार्थना के बाद, ईसाई समुदाय के सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "एक पेड़ मां के नाम" वृक्षारोपण अभियान के तहत होली नेम हाई स्कूल में पौधे लगाने और पौधे वितरित करने के लिए एकत्रित हुए, ताकि पौधे लगाकर माताओं और धरती माता के प्रति सम्मान प्रकट किया जा सके।
इस अवसर पर ईसाई समुदाय के सदस्यों ने कहा कि भारत विविधता में एकता और सभी धर्मों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत में जाति, समुदाय, लिंग या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है सभी समुदाय देश में शांतिपूर्ण तरीके से मिलजुल कर रहते हैं। ईसाई समुदाय के सदस्यों ने कहा कि भारत हमेशा 'वसुधैव कुटुम्बकम' (दुनिया एक परिवार है) की अवधारणा में विश्वास करता है। भारत अपने साझा मूल्यों और विरासत के साथ आगे बढ़ रहा है। रोजगार और शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में सभी समुदायों के सदस्यों को समान अवसर प्रदान किए जाते हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले दस वर्षों में दिखाया है कि विविधता के बावजूद भी मिलजुल कर रहा जा सकता है।
बॉम्बे के आर्कबिशप कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के सभी अल्पसंख्यक समुदायों की चिंता करते हैं। मैं उनसे कई बार मिल चुका हूं, निश्चित रूप से उनकी सभी योजनाओं और कार्यक्रमों में ईसाई समुदाय सहित हर अल्पसंख्यक का कल्याण होता है। हम एक देश हैं। हमारी महानता यह है कि हमारे पास विभिन्न प्रकार के लोग, संस्कृति, भाषा, धर्म है। उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विरासत की सराहना करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि कोई अन्य देश ऐसा नहीं है जिसके पास हमारे जितनी समृद्धि संस्कृति हो।"
पोप को भारत आने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण का स्वागत करते हुए कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने कहा कि पीएम मोदी ने पोप को भारत आने के लिए आमंत्रित किया है, मुझे उम्मीद है कि यह (निमंत्रण) स्वीकार होगा। यह शांति और प्रगति के लिए एक और प्रेरणा होगी। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया छोटी होती जा रही है। "यह एक गांव, एक बस्ती बन रही है। पूरी दुनिया को एक परिवार बन जाना चाहिए। इसके लिए शांति, समझ और दूसरों के लिए चिंता और दूसरों की मदद करना बेहद जरूरी है।
कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने कहा, "मैं जनता हूं कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा और पोप स्वयं भी शांति, दूसरों के प्रति चिंता और दूसरों की मदद करने के एक ही संदेश के साथ विभिन्न स्थानों की यात्रा कर रहे हैं, वे अपने बारे में नहीं बल्कि दूसरों और भावी पीढ़ियों के बारे में सोच रहे हैं।"
मुंबई में पीएम मोदी के 74वें जन्मदिन के अवसर पर सेवा पखवाड़ा मनाए जाने पर कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने कहा, "आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण था। सेवा पखवाड़ा 2024 के तहत हमने अपने युवाओं और बाकी सभी लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक कार्यक्रम रखा ताकि धरती के संसाधनों का बहुत समझदारी से इस्तेमाल किया जा सके, ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी इसका लाभ मिल सके। हमें उम्मीद है कि पूरे देश और दुनिया में यहीं से एक आंदोलन शुरू होगा। मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने इसके लिए पहल की है और मैं इस आंदोलन (एक पेड़ मां के नाम पहल के तहत वृक्षारोपण) को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री का आभारी हूं।"
राज्यसभा सांसद और आईएमएफ कन्वीनर सतनाम सिंह संधू ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल हमें उम्मीद दी है, बल्कि भरोसा भी जगाया है कि भारत विकसित राष्ट्र (विकसित भारत) बन सकता है। उन्होंने हमें उम्मीद दी है कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। मेरा मानना है कि ऐसे नेता का जन्मदिन पूरे देश को मनाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रगतिशील सोच को बढ़ावा मिला है, जिसके परिणामस्वरूप चारों ओर सकारात्मक माहौल बना हुआ है। पिछले 10 वर्षों में देश के नए आत्मविश्वास और अभूतपूर्व विकास के पीछे प्रधानमंत्री मोदी की शक्ति है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई सभी कल्याणकारी योजनाओं का सबसे अधिक लाभ अल्पसंख्यक समुदायों को मिला है। प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से देश के सभी अल्पसंख्यक समुदायों के बीच संबंध और विश्वास को मजबूत किया है, वह पहले कभी नहीं हुआ।''
--आईएएनएस
एसके/जीकेटी