नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। धनतेरस के त्योहार को देखते हुए उपभोक्ताओं से आग्रह किया गया है कि सोने और चांदी की खरीदारी के लिए उचित दृष्टिकोण अपनाएं। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के मुताबिक, धनतेरस की इस खरीदारी में 'हॉलमार्क' उपभोक्ताओं के लिए मददगार होगा।गौरतलब है कि परंपरागत तौर पर धनतेरस पर लोग सोने में निवेश करते हैं और इसे सौभाग्य, धन और भविष्य की सुरक्षा का प्रतीक मानते है। केंद्र सरकार के मुताबिक स्वर्ण आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग शुल्क 45 रुपये प्रति आभूषण है। उपभोक्ता 200 रुपये के परीक्षण शुल्क का भुगतान करके किसी भी हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) में अपने हॉलमार्क वाले आभूषणों का परीक्षण करवा सकते हैं।
उपभोक्ताओं को किसी भी धोखाधड़ी से बचाने के लिए हॉलमार्क वाले सोने और चांदी के आभूषणों की खरीदारी करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। केंद्र सरकार के उपभोक्ता कार्य मंत्रालय ने यह पहल की है। मंत्रालय के मुताबिक, सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग में तीन चिह्न शामिल हैं। इन तीन चिह्नों में बीआईएस मानक चिह्न, कैरेट और उत्कृष्टता में सोने की शुद्धता शामिल है। इसके अलावा 6-अंकीय अल्फान्यूमेरिक एचयूआईडी कोड भी उसमें अंकित होता है। एचयूआईडी - हॉलमार्किंग यूनिक आईडी का एक अद्वितीय 6-अंकीय अल्फान्यूमेरिक कोड है।
बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी का कहना है कि बीआईएस हॉलमार्क और बीआईएस केयर ऐप के साथ उपभोक्ता आभूषण की प्रामाणिकता को लेकर निश्चित हो सकते हैं। उपभोक्ताओं को बीआईएस केयर ऐप पर 'सत्यापित एचयूआईडी' आइकन का उपयोग करके हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों पर एचयूआईडी की प्रामाणिकता को सत्यापित करने का भी अधिकार दिया गया है।
हॉलमार्किंग सोने-चांदी के आभूषण में सोने-चांदी की आनुपातिक सामग्री का सटीक निर्धारण और आधिकारिक रिकॉर्डिंग है। सरकार का कहना है कि हॉलमार्किंग उपभोक्ताओं को यह संतुष्टि प्रदान करती है कि उन्हें सोने (या चांदी) की सही शुद्धता मिली है। बीआईएस की हॉलमार्किंग योजना के तहत, हॉलमार्क वाले आभूषणों की बिक्री के लिए जौहरियों को पंजीकरण प्रदान किया जाता है और परीक्षण के दौरान पाई गई शुद्धता के आधार पर हॉलमार्किंग आभूषणों के लिए परख और हॉलमार्किंग केंद्रों को मान्यता दी जाती है।
बीआईएस पहले चरण में 23 जून 2021 से देश के 256 जिलों में सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग को लागू करने में सफल रहा है। दूसरे चरण में 32 और जिले, तथा तीसरे चरण में 55 जिले शामिल रहे। अनिवार्य हॉलमार्किंग के कार्यान्वयन के बाद से पंजीकृत जौहरियों की संख्या 43,153 से बढ़कर 1,93,567 हो गई है। इसके साथ ही 40 करोड़ से अधिक सोने के आभूषणों को एचयूआईडी के साथ हॉलमार्क किया गया है।
--आईएएनएस
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