पटना, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी घटक दलों के नेताओं को एक साथ बैठाकर कई निशाने साध लिए। इसमें कोई शक नहीं है कि पिछले कई सालों से बिहार में सरकार किसी भी गठबंधन की रही हो लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहे हैं।दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में एनडीए की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में एनडीए में शामिल घटक दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए थे। इस बैठक में हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी को आमंत्रित नहीं किया गया था।
इस बैठक में नीतीश कुमार ने अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, इसके लिए उपस्थित सभी दलों की सहमति प्राप्त की। वैसे, इससे पहले भी भाजपा सहित अन्य दलों के नेता इससे संबंधित बयान देते रहते थे, लेकिन बैठक में सभी ने एक स्वर में इसकी पुष्टि कर दी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल कहते भी हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हम बेहतर समन्वय के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे, इसमें किसी को गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए।
इस बैठक के जरिये जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने विरोधियों को भी एनडीए के एकजुट होने की ताकत दिखाई। बैठक में एकजुटता पर सबसे अधिक जोर रहा और सभी ने एक स्वर में साझा कार्यक्रम चलाने और एनडीए के कार्यकर्ताओं में बेहतर समन्वय बनाने की बात कही।
बैठक में एनडीए के नेताओं को बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 220 से 225 सीटों पर जीत का लक्ष्य देते हुए नारा दिया गया, '2025 में 225, फिर से नीतीश'। इस नारे ने साफ कर दिया कि अगला विधानसभा चुनाव नीतीश के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
बिहार की राजनीति के जानकार अजय कुमार भी कहते हैं कि नीतीश कुमार की पहचान एक कुशल राजनीतिज्ञ ही नहीं एक रणनीतिकार के रूप में होती है। उनकी बिहार के प्रति समझ गजब की है। गौर से देखें तो वह समय-समय पर अपनी रणनीतियों में बदलाव करते रहते हैं। एक बार फिर एक रणनीति के तहत एनडीए की बैठक बुलाकर न केवल एकजुटता का संदेश दिया बल्कि अपनी स्थिति भी मजबूत कर ली।
हालांकि विपक्ष ने इस बैठक को फ्लॉप बताया है। राजद की सांसद मीसा भारती कहती हैं कि कई घटक दलों के अध्यक्ष ही इस बैठक में उपस्थित नही थे। उन्होंने कहा कि सीनियर नेता ही नहीं आए तो यह किस तरह की बैठक थी। इसका मतलब यह हुआ कि अंदरखाने में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
बैठक में गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, सम्राट चौधरी की उपस्थिति पर उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह आजकल बड़े नेता थोड़े नहीं हैं। सम्राट चौधरी को तो पार्टी ने खुद साइड लाइन करके रखा है। उनके बारे में क्या बात की जाए। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए की बैठक बुलाई थी, जिसमें जिन नेताओं को उपस्थित होना चाहिए था, वो तो मौजूद ही नहीं थे।
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