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संविधान बदलना खतरनाक, हिंदुत्व को राजनीतिक तंत्र के रूप में पेश किया जा रहा : पवन बंसल

प्रकाशित 13/12/2024, 02:10 am
संविधान बदलना खतरनाक, हिंदुत्व को राजनीतिक तंत्र के रूप में पेश किया जा रहा : पवन बंसल
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चंडीगढ़, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने गुरुवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने देश के संविधान पर हो रहे हमलों, सरकार की नीतियों और भाजपा की आर्थिक योजनाओं पर गंभीर सवाल उठाए। इसके साथ ही उन्होंने संविधान को बदलने की कोशिशों को खतरनाक बताया।पवन बंसल ने संविधान पर हो रहे हमलों पर चिंता जताते हुए सवाल किया, "संविधान को सबसे बड़ा खतरा किससे है? क्या संविधान को बदलने की कोशिश करना सही है? जब संविधान बना था, तो संविधान सभा ने बहुत गहन चर्चा के बाद इसे तैयार किया था। उस समय हमारे देश की संस्कृति, विरासत और भविष्य की दिशा पर विचार किया गया था। जवाहरलाल नेहरू ने जो स्टेटमेंट ऑफ एम एंड ऑब्जेक्ट पेश किया, वही बाद में हमारी प्रस्तावना बनी। यह सुनिश्चित करता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ें।"

उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से भाजपा के नेता संविधान बदलने की बात कर रहे हैं, वह देश के लिए खतरनाक है। हिंदुत्व को राजनीतिक तंत्र के रूप में पेश किया जा रहा है, जो धर्म नहीं बल्कि एक राजनीतिक विचारधारा है। मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूं, लेकिन हिंदुत्व के खिलाफ हूं। हिंदू राष्ट्र का कोई अस्तित्व नहीं हो सकता है और देश तभी आगे बढ़ सकता है जब यह एक धर्मनिरपेक्ष देश बने, जहां सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार मिलें।

पवन बंसल ने कहा कि संविधान में संशोधन एक जरूरत हो सकती है, लेकिन उसका उद्देश्य पूरी तरह से संविधान को उखाड़ फेंकने का नहीं होना चाहिए। अगर इंदिरा गांधी ने संविधान में कुछ शब्द जोड़े थे, तो वह एक विशिष्ट परिस्थिति में था, और वह सही था। लेकिन आज संविधान में बदलाव का उद्देश्य संविधान की मूल भावना को बदलना है, जो एक खतरनाक स्थिति है।

मौजूदा माहौल पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि संविधान के संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर एक हाई कोर्ट जज का नाम लिया, जो विश्व हिंदू परिषद के एक सम्मेलन में गए थे।

पवन बंसल ने कहा कि हम देख रहे हैं कि हमारे लोकतांत्रिक संस्थान खत्म किए जा रहे हैं। हाई कोर्ट के जज अब एक हिंदू संगठन के कार्यक्रमों में जा रहे हैं और वहां बोल रहे हैं। यह न केवल संस्थानों की गरिमा को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि संविधान की आत्मा पर भी हमला है। उन्होंने कहा कि जो कानून राम जन्मभूमि के लिए बना था, वह इस उद्देश्य से था कि हम देश में धार्मिक स्थलों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होने देंगे। 15 अगस्त 1947 के बाद जो धार्मिक स्थल थे, उनकी स्थिति बरकरार रखनी चाहिए। अगर हम धार्मिक स्थलों को तोड़ने या उन पर विवाद पैदा करने की कोशिश करेंगे, तो इससे देश की शांति और एकता को खतरा होगा।

बंसल ने यह भी कहा कि कांग्रेस पर यह आरोप लगाना कि उसने बैंकों को एटीएम की तरह इस्तेमाल किया, पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बैंकों का गरीबों के फायदे के लिए राष्ट्रीयकरण किया था, ताकि गरीबों तक कर्ज पहुंचे। लेकिन भाजपा ने नोटबंदी के जरिए बैंकों का पूरा खेल ही बदल दिया। मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले से बैंकों ने गरीबों का पैसा लिया, जबकि बड़े पूंजीपतियों को इसका फायदा हुआ। आज देश में जितनी काली अर्थव्यवस्था है, वह कहीं न कहीं भाजपा की नीतियों के कारण है।

भाजपा की आर्थिक नीतियों पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपनी नीतियों के माध्यम से क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा दिया है। कांग्रेस ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था ताकि आम आदमी को फायदा हो, लेकिन भाजपा ने बड़े कारोबारियों को फायदे में डालने के लिए बैंकों का निजीकरण करने की दिशा में कदम बढ़ाया। यह देश के आम आदमी के लिए अच्छा नहीं है। भाजपा के शासन में अमीर और गरीब के बीच असमानता बढ़ी है।

सरकार की आर्थिक नीतियों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे वादों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यह जो आजकल 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' के जरिए 21 हजार रुपये से 20 लाख रुपये कमाने का प्रचार किया जा रहा है, वह असली अर्थव्यवस्था नहीं है। असली अर्थव्यवस्था वह है, जिसमें मजबूत बुनियादी ढांचा हो और गरीबों को फायदा पहुंचे। सरकार की नीतियां देश के असली विकास की बजाय सिर्फ कुछ बड़े व्यापारियों के फायदे के लिए काम कर रही हैं।

--आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

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