💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र को पराली जलाने से रोकने के निर्देश दिए

प्रकाशित 08/11/2023, 03:25 am
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र को पराली जलाने से रोकने के निर्देश दिए

नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा सहित दिल्ली-एनसीआर की सीमा से लगे राज्यों को पराली जलाने से रोकने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा।शीर्ष अदालत ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को आड़े हाथ लिया और दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए कई निर्देश जारी किए।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने ऐसे गंभीर मुद्दे का राजनीतिकरण करने के खिलाफ सख्त चेतावनी दी, जो दिल्ली में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है।

खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि दिल्ली के निवासी पड़ोसी राज्‍यों से आते पराली के धुएं के कारण दमघोंटू हवा पीड़ित हैं, क्योंकि वे (केंद्र और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की राज्य सरकारें) कोई समाधान नहीं ढूंढ पा रहे हैं।

आदेश में कहा गया, "यह पिछले पांच साल से चल रहा है। इस मामले में तत्काल कार्रवाई और अदालत की निगरानी की जरूरत है।"

शीर्ष अदालत ने यह भी पूछा कि पंजाब में धान क्यों उगाया जा रहा है, जब पानी का स्तर पहले से ही इतना नीचे है। खंडपीठ ने टिप्पणी की, "आप क्या कर रहे हैं? अपने जलस्तर को देखें। आप पंजाब में धान उपजाने की अनुमति क्यों दे रहे हैं? आप खेतों में आग लगाकर पंजाब को हरित भूमि से बिना फसल वाली भूमि में बदलना चाहते हैं?"

पंजाब सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल गुरमिंदर सिंह ने कई सुझाव देने के साथ ही कहा कि पंजाब में धान की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू है। इसलिए सीमांत किसान फसल का विकल्प चुनते हैं। यदि केंद्र पंजाब में धान पर एमएसपी हटा देता है, तो वे स्वत: धान को छोड़कर कम पानी की खपत वाली फसलों पर स्विच कर देंगे जो वास्तव में पंजाब राज्य की मूल निवासी हैं। खंडपीठ ने यह भी कहा कि चूंकि केंद्र पहले से ही बाजरा पर स्विच करने के लिए काम कर रहा है, तो इस धान को किसी अन्य देशी और कम पानी वाली फसल के साथ स्विच किया जाना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में आगे कहा कि पंजाब उपमृदा जल संरक्षण अधिनियम, 2009 के पालन पर पुनर्विचार की जरूरत है, क्योंकि यह समस्याएं पैदा कर रहा है और सरकार को इस पर गौर करना चाहिए।

एजी ने कहा कि 15 साल पहले यह समस्या इसलिए नहीं थी, क्योंकि ऐसी फसल नहीं होती थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में पंजाब के एजी के सुझाव पर ध्यान दिया और कहा कि इस बात पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।

पराली जलाने के वैकल्पिक समाधान के लिए राज्य वित्त पोषण : पंजाब के एजी ने सुझाव दिया कि चूंकि किसान पराली से निपटने के लिए मशीन खरीदने की लागत वहन करने को तैयार नहीं हैं, इसलिए पंजाब सरकार पराली को निपटाने के लिए मशीनों की 25 प्रतिशत लागत वहन करने के लिए तैयार है। दिल्ली सरकार 25 प्रतिशत लागत वहन कर सकती है और केंद्र 50 प्रतिशत वहन कर सकता है। किसान गरीबी के कारण पराली जला रहे हैं। दिए गए विकल्पों का पालन नहीं किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर केंद्र सब्सिडी पर इतना खर्च कर सकता है तो किसान भी थोड़ी लागत वहन कर सकते हैं।

दिल्ली में स्मॉग टावर को चालू कराएं : शीर्ष अदालत ने कहा कि पिछले आदेश के अनुसार, दिल्ली में स्मॉग टावर स्थापित किया गया, जो अब काम नहीं कर रहा है। इसलिए स्मॉग टावर की मरम्मत करकरवाएं।

डीपीसीसी अध्यक्ष को समन : अदालत ने डीपीसीसी के अध्यक्ष को प्रदूषण पर वास्तविक समय के आंकड़ों के साथ सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए बुलाया। अदालत ने कहा कि वास्तविक समय की निगरानी डीपीसीसी द्वारा की जानी थी, लेकिन परिणाम सार्वजनिक डोमेन में नहीं डाले गए हैं।

दिल्ली में नारंगी-टैग वाले वाहनों के प्रवेश को नियंत्रित करें और टैक्सियों की निगरानी करें : इस तरह के मुद्दे से निपटने के लिए 'ऑड-ईवन' जैसी योजनाओं को महज 'ऑप्टिक्स' बताते हुए, बेंच ने राज्य सरकारों को शहर में नारंगी-टैग वाले वाहनों के प्रवेश को नियंत्रित करने का निर्देश दिया। अदालत ने आगे कहा कि दिल्ली में बड़ी संख्या में टैक्सियों का पंजीकरण विभिन्न राज्यों में है जो केवल एक यात्री को ले जाती हैं। कोर्ट ने कहा कि इनकी निगरानी की जाए, ताकि मौजूदा अवधि में सिर्फ दिल्ली की टैक्सियां ही चलें।

नगर निगम के ठोस कचरे को खुले में जलाने पर रोक लगाएं : अदालत ने दिल्ली राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह निगरानी रखे और यह सुनिश्चित करे कि इस समयावधि के दौरान नगर निगम के ठोस कचरे को शहर में या खुले में न जलाया जाए।

मुख्य सचिवों को बैठक बुलाने को कहा : अदालत ने हितधारकों को उपरोक्त पहलुओं के संबंध में शीघ्रता से कार्य करने का निर्देश दिया और राज्यों के कैबिनेट सचिवों को बेहतर तस्वीर के लिए इस मुद्दे पर सभी हितधारकों के साथ बुधवार को एक आभासी या भौतिक बैठक आयोजित करने के लिए कहा।

--आईएएनएस

एसजीके

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित