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2024 में भाजपा से मुकाबला करने के लिए इंडिया गंठबंधन का गठन किया गया, विधानसभा चुनाव गठबंधन पर किसी ने चर्चा नहीं की : कांग्रेस सूत्र

प्रकाशित 08/11/2023, 11:28 pm
2024 में भाजपा से मुकाबला करने के लिए इंडिया गंठबंधन का गठन किया गया, विधानसभा चुनाव गठबंधन पर किसी ने चर्चा नहीं की : कांग्रेस सूत्र

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के इंडिया गठबंधन के भीतर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ दैनिक बयानबाजी के बीच सूत्रों ने कहा, ''विपक्षी गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव को एक साथ लड़ने के लिए बनाया गया था और पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए किसी भी गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई।''अखिलेश यादव हाल ही में कांग्रेस के आलोचक रहे हैं और उन्होंने कहा है कि सबसे पुरानी पार्टी अपने दोहरे बोल के लिए जानी जाती है और 'भाजपा की बी-टीम' की तरह काम करती है।

समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कांग्रेस को एक चालाक पार्टी भी करार दिया और लोगों से उसे वोट न देने की अपील की।

कांग्रेस के एक सूत्र ने कहा कि 17 और 18 जुलाई एवं 31 अगस्त तथा 1 सितंबर को बेंगलुरु में इंडिया गठबंधन की दूसरी और तीसरी बैठक के दौरान सभी सदस्यों ने इस बात पर चर्चा की कि 2024 में केंद्र में बीजेपी को कैसे हराया जाए।

सूत्र ने स्पष्ट किया कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में किसी भी तरह के गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। दूसरी और तीसरी बैठक के दौरान भी किसी ने विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन का मुद्दा नहीं उठाया।

सूत्र ने कहा, "यह स्पष्ट था। इंडिया गठबंधन की दूसरी और तीसरी दोनों बैठकों में, लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर चर्चा की गई।''

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे, उस पर टिप्पणी करते हुए पार्टी सूत्र ने कहा कि यह भाषा अच्छी नहीं थी और इंडिया गठबंधन पर अच्छा प्रभाव नहीं डालती थी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी एक सार्वजनिक बैठक के दौरान शिकायत की थी कि कांग्रेस पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में व्यस्त है।

पिछले गुरुवार को पटना में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था, ''हमने सभी दलों से बात की, उनसे एकजुट होने और देश को उन लोगों से बचाने का आग्रह किया जो इसके इतिहास को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए पटना और अन्य जगहों पर बैठकें हुईं। इंडिया गठबंधन का गठन हुआ, लेकिन कुछ खास नहीं हो रहा है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। कांग्रेस की दिलचस्पी उनमें ज्यादा है।''

उन्होंने कहा था, ''हम सभी कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर रहे थे, लेकिन वे अभी इस सब को लेकर चिंतित नहीं हैं। वे अभी पांच राज्यों के चुनाव में व्यस्त हैं। इसलिए, पांच राज्यों के चुनाव के बाद, वे खुद ही सभी को बुलाएंगे।

सूत्र ने कहा कि नीतीश कुमार के आरोप के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तुरंत बिहार के मुख्यमंत्री को फोन किया था। नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के मुख्य संस्थापकों में से एक हैं।

खड़गे ने उन्हें विधानसभा चुनावों का महत्व समझाया और यह भी कहा कि 28 नवंबर के बाद इंडिया गठबंधन चर्चा में तेजी आएगी, जब सभी पांच राज्यों में चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा।

क्या खड़गे कांग्रेस पर निशाना साध रहे अखिलेश यादव से भी बात करेंगे। इस सवाल के जवाब में सूत्र ने कहा, ''संभावना है कि खड़गे आने वाले दिनों में अखिलेश यादव से बात करेंगे और समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव से भी बात करेंगे।''

सूत्र ने यह भी बताया कि पांच विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में सबसे पुरानी पार्टी का दांव सबसे ज्यादा है क्योंकि वह वहां मुख्य दावेदार है।

मिजोरम राज्य में जमीनी स्थिति के बारे में बताते हुए (जहां मंगलवार को मतदान संपन्न हुआ), पार्टी सूत्र ने कहा कि सत्तारूढ़ एमएनएफ, अन्य क्षेत्रीय पार्टी जेडपीएम और कांग्रेस पूर्वोत्तर राज्य में मुख्य दावेदार हैं।

सूत्र ने कहा कि एमएनएफ के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है और जेडपीएम मिजोरम में सभी मुद्दों पर विरोध की आप की तकनीक अपनाने वाली क्षेत्रीय पार्टियों में से एक के रूप में उभरी है। इसलिए मिजोरम में लड़ाई त्रिकोणीय है।

उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा कोई फैक्टर नहीं है लेकिन खंडित जनादेश की स्थिति में क्षेत्रीय दल भाजपा पार्टी के साथ जा सकते हैं। पूर्वोत्तर में सभी ने क्षेत्रीय पार्टियों का इस्तेमाल किया है।

सूत्र ने यह भी कहा कि भाजपा अधिकतम सीटें नहीं जीतती है और वास्तविकता यह है कि क्षेत्रीय दल जीतते हैं और वे केंद्र में सत्तारूढ़ दल का समर्थन करते हैं। लेकिन मिजोरम में फाइट है।

--आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

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