नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2008 जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा मौत की सजा पाए चार लोगों को बरी करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई अगले साल के लिए स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने चारों को बरी करने के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार एवं विस्फोट पीड़ितों के परिवार के सदस्यों द्वारा दायर याचिकाओं पर 8 जनवरी 2024 को सुनवाई करने का फैसला किया।
पीठ ने उस शर्त में ढील देने से इनकार कर दिया, जिसके तहत आरोपियों को जयपुर के आतंकवाद निरोधी दस्ते के पुलिस स्टेशन के समक्ष दैनिक आधार पर सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की जरूरत थी।
पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा बरी करने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, और कहा था कि वह आरोपी को सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं कर सकता।
हालांकि, कोर्ट ने 29 मार्च को दिए गए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें राज्य के पुलिस महानिदेशक को मामले में शामिल जांच अधिकारी और अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच का आदेश देने के लिए कहा गया था।
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार और विस्फोट पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने मोहम्मद सैफ, सैफुर रहमान, सरवर आज़मी और मोहम्मद सलमान को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
मई 2008 में, सिलसिलेवार विस्फोटों ने जयपुर को दहला दिया था। धमाके में 71 लोग मारे गए और 185 घायल हुए थे। पुलिस ने इस मामले में कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया था। तीन आरोपी अब भी फरार हैं, जबकि दो हैदराबाद और दिल्ली की जेलों में बंद हैं।
बाकी दो लोग दिल्ली के बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए थे। चारों आरोपी जयपुर जेल में बंद थे और ट्रायल कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।
--आईएएनएस
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