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मध्य प्रदेश चुनाव : राहुल गांधी पर हमला और बूथ पर मजबूती के जरिए सरकार बचाने की भाजपा की कोशिश

प्रकाशित 15/11/2023, 01:51 am
मध्य प्रदेश चुनाव : राहुल गांधी पर हमला और बूथ पर मजबूती के जरिए सरकार बचाने की भाजपा की कोशिश

नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। 2018 के पिछले विधान सभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस से ज्यादा वोट हासिल करने के बावजूद कांग्रेस से कम विधान सभा सीट जीतने के कारण राज्य की सत्ता से बाहर हुई भाजपा इस बार सरकार बचाने को लेकर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है।कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान के बीच भाजपा ने भी मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव प्रचार की अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव कर दिया है। 2018 में हुए पिछले विधान सभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस के 40.89 प्रतिशत वोट की तुलना में 41.02 प्रतिशत मत मिला था। लेकिन, कांग्रेस से ज्यादा वोट हासिल करने के बावजूद भाजपा को जहां 109 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, वहीं, कांग्रेस ने भाजपा से 5 सीटें ज्यादा यानी 114 सीट जीतकर राज्य में सरकार बना ली थी।

इस बार भी कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी की बात मानकर कांग्रेस ने कर्नाटक की तर्ज पर चुनाव प्रचार अभियान का पूरा खाका तैयार करने का दायित्व राज्य के नेतृत्व पर छोड़ दिया है। राज्य ईकाई की रणनीति के अनुसार ही कांग्रेस के दोनों नेता जनसभाएं कर रहे हैं, रोड शो कर रहे हैं और मुद्दे उठा रहे हैं। मध्य प्रदेश में स्थानीय नेताओं को आगे रखकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी द्वारा किए जा रहे आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान को देखते हुए भाजपा आलाकमान ने भी अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है।

वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह, जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान सहित तमाम केंद्रीय मंत्री और नेता गांधी परिवार पर हमला बोलते ही रहते हैं लेकिन मंगलवार को तमाम बंदिशों को तोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की धरती पर ही चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बिना नाम लिए राहुल गांधी को ''मूर्खों का सरदार'' तक कह दिया। भाजपा की कोशिश है कि राहुल गांधी एक बार फिर से चुनाव के केंद्र में आ जाएं क्योंकि मोदी बनाम राहुल गांधी की लड़ाई में भाजपा हमेशा फायदे में रहती है।

मध्य प्रदेश की सभी 230 विधान सभा सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होना है और राज्य में सरकार बचाने के लिए भाजपा आलाकमान ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और बूथ स्तर तक पार्टी के नेताओं को तैनात कर दिया है।

मंगलवार को एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी और जेपी नड्डा सहित पार्टी के कई दिग्गज नेता मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में रैली और रोड शो के जरिए पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में वोट मांगते नजर आए तो वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महासचिव शिवप्रकाश सहित पार्टी के दिग्गज नेता बूथ स्तर तक उतर कर मतदाताओं को मतदाता पर्ची बांटते नजर आए।

पार्टी ने यह योजना बनाई है कि पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता हर वोटर से व्यक्तिगत मुलाकात कर उन्हें वोटर स्लिप सौंपेंगे। सबसे खास बात तो यह है कि पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता मतदाता पर्ची वितरण के दौरान अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम की जानकारी देंगे और साथ ही दीपावली के अवसर पर अयोध्या में मनाई गई भव्य दीपावली के बारे में भी बताएंगे।

भाजपा राज्य में बुधवार को चुनाव प्रचार बंद हो जाने के बाद बूथ और शक्ति केंद्रों पर फोकस करेगी। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को यह निर्देश दिया है कि हर बूथ पर इस बात का प्रयास किया जाए कि दोपहर 12 बजे तक 50 प्रतिशत मतदान हो जाएं।

--आईएएनएस

एसटीपी/एबीएम

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