बेंगलुरु, 17 नवंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक विधानमंडल के दोनों सदनों के लिए विपक्ष के नेताओं (एलओपी) की नियुक्ति करने के लिए भाजपा आलाकमान पूरी तरह से तैयार है।पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में विधायक दल (एलपी) की बैठक नई दिल्ली के दो पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में यहां आईटीसी (NS:ITC) गार्डेनिया होटल में होगी।
भाजपा ने हाल ही में विधायक बी.वाई. विजयेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। वह पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा के बेटे हैं।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता पद पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
सूत्र बताते हैं कि पार्टी नेतृत्व वोक्कालिगा या पिछड़े समुदाय से आने वाले किसी नेता को यह पद देने का इच्छुक है।
चूंकि प्रदेश अध्यक्ष का पद लिंगायत समुदाय को दिया गया है, इसलिए पार्टी के लिए विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद के लिए वोक्कालिगा समुदाय को समायोजित करना स्वाभाविक है।
हालांकि, जद (एस) के साथ गठबंधन के बाद, पार्टी पिछड़े समुदायों में चेहरों की तलाश कर सकती है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री वी. सुनील कुमार, हिंदुत्व विचारधारा के कट्टर समर्थक और संघ परिवार के एक युवा नेता के लिए एक बेहतर मौका है।
सुनील कुमार पिछड़े समुदाय से आते हैं। पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता आर अशोक की भी संभावनाएं प्रबल हैं।
अशोक के पूर्व पीएम एच.डी. देवेगौड़ा से अच्छे रिश्ते हैं।
हालांकि भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल, अरविंद बेलाड और पूर्व मंत्री वी. सोमन्ना ने इस पद के लिए अपना दावा पेश किया है क्योंकि वे लिंगायत समुदाय से हैं, लेकिन उनके चयन की संभावना कम है क्योंकि राज्य अध्यक्ष का पद इस समुदाय से आने वाले विजयेंद्र को दिया गया है।
जद (एस) से हाथ मिलाने और येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने के बाद, भाजपा शीतकालीन सत्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी से मुकाबला करने की उम्मीद कर रही है।
--आईएएनएस
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