पणजी, 27 नवंबर (आईएएनएस)। गोवा के नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) यूरी अलेमाओ ने सोमवार को कहा कि आईआईटी-बॉम्बे की मिट्टी कटाव पर रिपोर्ट भाजपा सरकार के लिए खतरे की घंटी है और इसलिए उसे विनाशकारी तीन रैखिक परियोजनाओं पर पुनर्विचार करना चाहिए।तीन रैखिक परियोजनाएं हैं - कर्नाटक के होस्पेट से गोवा के वास्को तक रेल लाइन की डबल ट्रैकिंग, 400 केवी बिजली ट्रांसमिशन लाइन बिछाना और कर्नाटक व गोवा के बीच राजमार्ग का चौड़ीकरण। लोगों ने इसका विरोध किया, क्योंकि वे मानते हैं कि इससे भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य और मोल्लेम राष्ट्रीय उद्यान प्रभावित होंगे।
यूरी अलेमाओ ने कहा, “आईआईटी-बॉम्बे की एक अध्ययन रिपोर्ट से पता चलता है कि 1600 किलोमीटर लंबे पश्चिमी घाट क्षेत्र (डब्ल्यूजीआर) का सुरम्य यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, जो पृथ्वी ग्रह पर 35 जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक है, भारी और तेजी से मिट्टी के कटाव से ग्रस्त है। यह भाजपा सरकार के लिए विनाशकारी तीन रेखीय परियोजनाओं पर पुनर्विचार करने के लिए एक और 'चेतावनी घंटी' है।''
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (आईआईटीबी) में प्रोफेसर पेन्नान चिन्नासामी और वैष्णवी होनप के हालिया अध्ययन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए और डब्ल्यूजीआर में तेजी से बढ़ती मिट्टी के कटाव का खुलासा करते हुए विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ ने कहा कि इस डेटा का अध्ययन करने और सुधारात्मक उपायों की जरूरत है। गोवा सरकार को युद्धस्तर पर कदम उठाने की जरूरत है।
अलेमाओ ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से गोवा विधानसभा के सभी सदस्यों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के सामने एक प्रस्तुति देने के लिए आईआईटी-बॉम्बे की टीम को आमंत्रित करने का आग्रह करता हूं। हमने म्हादेई को खो दिया है, अगर हम अब कार्रवाई करने में विफल रहते हैं तो हम जैव विविधता से समृद्ध पश्चिमी घाट को खो देंगे जो अंततः गोवा को रेगिस्तान में बदल देगा।”
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां पर्यावरण विरोधी और पूंजीपतियों परस्त हैं। गैर सरकारी संगठनों और कार्यकर्ताओं के प्रयासों के कारण ही गोवा की पहचान सुरक्षित है।
यूरी अलेमाओ ने कहा, "गोवा को भाजपा सरकार की विनाशकारी नीतियों से बचाने के लिए उनकी कड़ी मेहनत और प्रयासों के लिए गोवावासी हमेशा गैर सरकारी संगठनों और कार्यकर्ताओं के ऋणी रहेंगे।"
--आईएएनएस
एसजीके