नई दिल्ली, 29 नवंबर (आईएएनएस)। मणिपुर के सबसे पुराने सशस्त्र संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र और राज्य (मणिपुर) सरकार के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने इस घटनाक्रम को "ऐतिहासिक, मील का पत्थर" करार दिया है।'एक्स' पर एक पोस्ट में शाह ने कहा : "एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया गया। पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार के अथक प्रयासों ने पूर्ति का एक नया अध्याय जोड़ा है, क्योंकि यूएनएलएफ ने आज नई दिल्ली में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।"
गृहमंत्री ने आगे कहा, "मणिपुर का सबसे पुराना घाटी स्थित सशस्त्र समूह यूएनएलएफ हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए सहमत हो गया है। मैं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनका स्वागत करता हूं और शांति के रास्ते पर उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।"
गृह मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में सात "मैतेई चरमपंथी संगठनों" पर यूएपीए के तहत अपने प्रतिबंध के विस्तार को अधिसूचित किया था, जिसमें कहा गया था कि इन संगठनों का मकसद सशस्त्र संघर्ष के जरिए मणिपुर को भारत से अलग करना और मणिपुर के लोगों को अलगाव के लिए भड़काना है।"
--आईएएनएस
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