कोलकाता, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। महज सात दिन के भीतर पश्चिम बंगाल सरकार को एक बार फिर विपक्षी भाजपा को सार्वजनिक राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार करने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय की नाराजगी का सामना करना पड़ा है।न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने शनिवार को पूर्वी मिदनापुर जिले के खेजुरी में एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करने के भाजपा के आवेदन पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं देने के लिए राज्य पुलिस की आलोचना की।
न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने इस मामले में भाजपा द्वारा पहले ही अनुमति के लिए आवेदन जमा करने के बावजूद प्रशासनिक अनिच्छा पर भी आपत्ति जताई।
इस मामले पर जज ने दो अहम सवाल भी उठाए।
पहला यह कि प्रशासन 15 दिन पहले आवेदन जमा करने की शर्त लगाता है। दूसरा सवाल यह है कि विपक्ष को हर बार ऐसी अनुमति के लिए अदालत का रुख क्यों करना पड़ता है?
भाजपा को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देते हुए न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने कहा कि बैठक शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की जानी चाहिए और कोई उत्तेजक बयान नहीं दिया जाना चाहिए।
राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस को भाजपा को उस स्थान पर बुधवार को अपनी मेगा रैली आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार करने के लिए 24 नवंबर को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ की नाराजगी का सामना करना पड़ा था जहाँ तृणमूल कांग्रेस जुलाई में अपनी वार्षिक शहीद दिवस रैली आयोजित करती है।
--आईएएनएस
एकेजे