नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2020 के दिल्ली दंगों के एक पीड़ित की याचिका पर विचार किया है, जिसमें दंगा पीड़ितों की मदद के लिए दिल्ली सरकार की सहायता योजना के तहत तीन लाख रुपये की मांग की गई थी।सांप्रदायिक दंगों से प्रभावित याचिकाकर्ता ने घटनाओं के दौरान लगी बंदूक की गोली के कारण स्थायी विकलांगता का दावा किया।
दंगा पीड़ितों के लिए सरकार की मुआवजा योजना के तहत, स्थायी विकलांगता वाले लोग पाँच लाख रुपये की अनुग्रह राशि के हकदार हैं।
याचिकाकर्ता को पहले ही दो लाख रुपये मिल चुके थे और उसने विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग से विकलांगता प्रमाण पत्र के साथ शेष राशि की मांग की थी।
प्रतिवादियों की स्थिति रिपोर्ट ने याचिकाकर्ता की स्थायी अक्षमता और दंगे से प्रेरित चोट के बीच संबंध को स्वीकार किया, लेकिन देर से दावा आवेदन के कारण बढ़ा हुआ मुआवजा देने के लिए अदालत के निर्देश की आवश्यकता थी।
देरी को एकमात्र बाधा मानते हुए, अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आवेदन करने की तारीख में ढील दी और छह सप्ताह के भीतर दावे का आकलन करने का निर्देश दिया।
मामले की आगे की सुनवाई 13 फरवरी 2024 को होनी है।
--आईएएनएस
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