जयपुर, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। राजस्थान विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस विधायक दल की पहली बैठक मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में हुई। बैठक में विपक्ष का नेता चुनने का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में पार्टी के सभी विधायक शामिल हुए। इस दौरान तीनों पर्यवेक्षकों ने एक-एक कर फीडबैक लिया। रामगढ़ से कांग्रेस विधायक और पूर्व राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान ने कांग्रेस की हार पर सवाल उठाए हैं।
बैठक में पार्टी की अगली रणनीति और हार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठा। हार के लिए वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी तय करने की मांग की गई। इस दौरान सचिन पायलट के समर्थकों ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर जमकर नारेबाजी की।
जुबेर खान ने कहा, ''हम अपनी योजनाओं को निचले स्तर तक नहीं ले जा सके, इसलिए चुनाव हार गये। पार्टी की असली ताकत कार्यकर्ता हैं। कार्यकर्ताओं की जगह एजेंसियों को महत्व दिया जाएगा तो नुकसान होगा। हवामहल से जीते बीजेपी के बालमुकुंद आचार्य ने सोमवार को मीट की दुकान हटाने को लेकर कहा कि यह कोई लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं है। हम इस मिट्टी में पैदा हुए हैं, हमें मत सिखाओ।"
बैठक के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ''आलाकमान जिसे भी विधायक दल का नेता बनाएगा, हम उसे स्वीकार करेंगे। यह हमारी परंपरा है, जिसे हम निभाएंगे। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हार के बावजूद कांग्रेस का वोट शेयर कहीं भी कम नहीं हुआ है। यह कांग्रेस के लिए अच्छा संकेत है। इसमें चुनाव के नतीजों को लेकर चर्चा होगी।''
कांग्रेस में अपनी भूमिका पर उन्होंने कहा, "मेरी भूमिका यह होगी कि मैं एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह काम करूंगा। यह पद की बात नहीं है। सभी नवनिर्वाचित विधायकों से अनुरोध किया गया है कि वे अभी से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएं।''
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