नागपुर, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में सूखे जैसी स्थिति को लेकर विपक्ष ने प्रभावित किसानों को फसल बीमा योजना के माध्यम से "अपर्याप्त मुआवजा" देने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन पर हमला बोला।महाराष्ट्र राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने सदन में कहा कि किसानों, कपास उत्पादकों और संतरा उत्पादकों के लिए मुआवजा "बहुत कम और कुछ मामलों में दो अंकों में" है।
ओलावृष्टि और असामयिक बारिश के कारण किसानों को होने वाली समस्याओं पर संक्षिप्त चर्चा के दौरान सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार उन बीमा कंपनियों को बचा रही है जिनकी सर्वेक्षण रिपोर्ट अनुचित थी और इस प्रकार किसानों को बहुत कम मुआवजा दिया गया।
इस मुद्दे को बालासाहेब थोराट, सुनील केदार और नाना पटोले (सभी कांग्रेस) के साथ वडेट्टीवार ने सदन में उठाया। उनके साथ राकांपा के जयंत पाटिल भी शामिल हुए।
वडेट्टीवार ने दावा किया कि एक किसान को तीन रुपये का मुआवजा मिला, जबकि दूसरे को केवल 37 रुपये का मुआवजा मिला।
विपक्ष के नेता ने कहा, "एक किसान ने केवल 57 रुपये का मुआवजा मिलने के बाद स्थानीय थाने से सुरक्षा की मांग की है। किसान ने तर्क दिया कि राशि 'इतनी बड़ी' है और इसलिए चोरों से बचाने के लिए पुलिस सुरक्षा की जरूरत है।"
वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारियों और बीमा कंपनी अधिकारियों के बीच सांठगांठ है।
वडेट्टीवार ने कहा कि देश में किसानों की आत्महत्या के 37 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र में हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को फर्जी बीज विक्रेताओं के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि फर्जी बीज बेचने वाली कंपनियों को बंद किया जाना चाहिए।
राकांपा नेता पाटिल ने कहा, ''सरकार केवल आयोजनों में व्यस्त है और शुरू में ऐसा लग रहा था कि 'ट्रिपल इंजन' सरकार तेजी लाएगी लेकिन इसके विपरीत इसकी गति कम हो गई है।"
पाटिल ने फर्जी बीज बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की।
--आईएएनएस
एमकेएस/एकेजे