बेंगलुरु, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। एक मां को नग्न कर सड़कों पर घुमाने की घटना के खिलाफ आवाज मुखर न करने पर भाजपा आलाकमान कथित तौर पर कर्नाटक भाजपा इकाई से नाराज है।
यह घटना महिला के बेटे के एक स्थानीय लड़की के साथ भागने के बाद हुई, जब बेलगावी शहर के सुवर्ण विधान सौध में शीतकालीन विधानसभा सत्र चल रहा था।
इस घटना ने राज्य को झकझोर कर रख दिया था और कांग्रेस सरकार के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी साबित हुई, क्योंकि यह बेलगावी में सुवर्ण विधान सौध के करीब स्थित एक जगह पर हुई थी।
भाजपा आलाकमान ने सत्र के दौरान इस मुद्दे को नहीं उठाने और कानून व्यवस्था प्रणाली और महिलाओं की सुरक्षा में विफलता के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराने के लिए अपने राज्य नेतृत्व की आलोचना की।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने राज्य विधानसभा सत्र के दौरान इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से न उठाने पर राज्य नेतृत्व की आलोचना की, खासकर जब इस पर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही थी और कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सत्तारूढ़ सरकार की आलोचना की थी।
जैसे ही 10 दिवसीय शीतकालीन सत्र शुक्रवार को समाप्त हो रहा है, राज्य के नेताओं से राज्य में कानून और व्यवस्था की विफलता को उजागर करते हुए नियम 69 के तहत इस मुद्दे को उठाने का आग्रह किया गया है।
नड्डा ने प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र और विपक्ष के नेता आर. अशोक से बात की और मामले को गंभीरता से लेने व सरकार से सवाल पूछने का निर्देश दिया।
घटना 10 दिसंबर की है जब वंटामुरी गांव की रहने वाली कमलाव्वा को बाहर खींच लिया गया और नग्न कर दिया गया। उसके बेटे के गांव की एक लड़की के साथ भाग जाने के बाद उसे नग्न कर बिजली के खंभे से बांध कर घुमाया गया और उसके साथ मारपीट की गई। लड़की के परिजनों ने लड़के की मां का जमकर उत्पीड़न किया।
गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर बेलगावी जिला अस्पताल में पीड़िता से मिलने पहुंचे और उसकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में पूछताछ की। उन्होंने उससे घटना के बारे में विवरण इकट्ठा किया और बाद में वंटामुरी गांव में उसके घर का दौरा किया।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने घटना को रोकने में पुलिस की विफलता के लिए कांग्रेस सरकार की कड़ी आलोचना की।
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