पणजी, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम 2012 के तहत मामलों के तेजी से समाधान के उद्देश्य से, गोवा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (जीएससीपीसीआर) ने दक्षिण गोवा जिले के लिए एक विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) के निर्माण की सिफारिश की है।एससीपीसीआर के अध्यक्ष पीटर एफ. बोर्गेस ने राज्य के कानून मंत्री एलेक्सो सेक्वेरा से मुलाकात की और महत्वपूर्ण पहल पर चर्चा की।
बोर्जेस के अनुसार, पॉक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 44 और पॉक्सो नियम, 2020 के नियम 12 द्वारा अनिवार्य, गोवा एससीपीसीआर, पॉक्सो अधिनियम के लागू की स्थिति की सतर्कता से निगरानी करने के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लेता है।
उन्होंने कहा, ''गोवा एससीपीसीआर पॉक्सो अधिनियम के कार्यान्वयन (लागू) की स्थिति के व्यापक मूल्यांकन में सक्रिय रूप से लगा हुआ है। इसमें इसके प्रावधानों, जांच प्रक्रियाओं, मुकदमे की कार्यवाही और पीड़ितों के लिए सहायता सेवाओं की पहुंच की सावधानीपूर्वक जांच शामिल है।''
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 1 अप्रैल, 2023 से 31 मार्च, 2026 तक फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) का हालिया विस्तार, 'बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम के मामलों के शीघ्र निपटान के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की योजना' के साथ सहजता से संरेखित है, जो शुरू में गोवा राज्य के लिए दो एफटीएससी अदालतों को मंजूरी दी गई।
कम्पेलिंग आधार पर, गोवा एससीपीसीआर दक्षिण गोवा जिले में एक अतिरिक्त पॉक्सो फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की दृढ़ता से सिफारिश करता है।
उन्होंने कहा कि उत्तरी गोवा जिले में मौजूदा एफटीसी 100 से अधिक पॉक्सो मामलों का प्रबंधन कर रहा है, जिससे त्वरित और कुशल परीक्षण की उसकी क्षमता पर दबाव पड़ता है। दक्षिण गोवा में एक अदालत स्थापित करने से यह बोझ कम होगा और समय पर न्याय सुनिश्चित होगा।
--आईएएनएस
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