जालना, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के जालना में एक मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल शिवबा संगठन के प्रमुख मनोज जारांगे-पाटिल से मिलने और प्रस्तावित मराठा आरक्षण को लागू करने के लिए और समय मांगने के लिए गुरुवार शाम को पहुंचा, लेकिन वह 24 दिसंबर की अपनी समय सीमा पर अड़े रहे।मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नागपुर विधानमंडल सत्र में विस्तृत बयान देने के अगले दिन प्रतिनिधिमंडल अंतरवली-सारथी गांव पहुंचा यह बताने के लिए कि सरकार अगले साल फरवरी में बुलाए जाने वाले विशेष सत्र में मराठा कोटा लागू करेगी।
प्रतिनिधिमंडल में मंत्री गिरीश महाजन, उदय सामंत और अन्य शामिल थे। उन्होंने "कुछ और समय" देने का अनुरोध किया और जारांगे-पाटिल से फरवरी 2024 तक अपनी सभी नियोजित सार्वजनिक रैलियों और आंदोलन कार्यक्रमों को निलंबित करने का आग्रह किया।
जारांगे-पाटिल ने यह भी मांग की कि जिन लोगों के कुनबी जाति प्रमाणपत्र पाए गए हैं, सरकार को उनके मातृपक्ष के रक्त संबंधियों को भी वही प्रमाणपत्र प्रदान करना चाहिए, जिस पर प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यह "कानून के अनुसार संभव नहीं है।"
महाजन ने सीएम और सरकार के रुख को दोहराया कि मौजूदा ओबीसी आरक्षण को प्रभावित किए बिना मराठा कोटा दिया जाएगा, लेकिन मराठा नेता मातृपक्ष के रक्त संबंधों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने की अपनी मांग पर अड़े रहे।
मराठा कार्यकर्ताओं के एक समूह ने आक्रामक रुख जारी रखते हुए गुरुवार को नांदेड़ में राज्य भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले पर काले झंडे लहराए।
इस बीच, जारांगे-पाटिल के अगले कुछ दिनों में कुछ जिलों में अपनी नियोजित सार्वजनिक रैलियां जारी रखने की संभावना है, जिसकी शुरुआत शनिवार को बीड से होगी। मुंबई में एक सहयोगी ने कहा, बाद में वह सरकार पर दबाव बनाए रखने के लिए 25 दिसंबर को अपने अगले आंदोलन कार्यक्रम की घोषणा करेंगे।
जारांगे-पाटिल ने पहले चेतावनी दी थी कि अगर 24 दिसंबर तक मराठा कोटा लागू नहीं किया गया तो राज्यभर से लाखों मराठा मार्च करेंगे और मुंबई की घेराबंदी करेंगे।
--आईएएनएस
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