नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को पुलिस को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज एक मामले में जांच पूरी करने के लिए 60 दिन का और समय दिया। आरोप है कि मीडिया आउटलेट न्यूजक्लिक को चीन समर्थक प्रचार-प्रसार के लिए पैसा मिला था।दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष एक आवेदन दायर कर तीन महीने की मोहलत मांगी थी।
दो आरोपियों - न्यूज़क्लिक के संस्थापक-संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती - की पहले विस्तारित न्यायिक हिरासत भी शुक्रवार को समाप्त हो गई। न्यायिक हिरासत अब 20 जनवरी तक बढ़ा दी गई है।
पुलिस आवेदन में कानून के तहत अनुमत अधिकतम अवधि के विस्तार की मांग की गई, जो कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) सहित विशेष अधिनियमों के तहत दर्ज मामलों में आरोपी की गिरफ्तारी के दिन से 180 दिन है।
आवेदन में मामले में दस्तावेजों और सबूतों की विशाल प्रकृति पर जोर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि एजेंसी को दिल्ली के बाहर विभिन्न स्थानों पर जाने की जरूरत है, जिससे अपेक्षित देरी हो रही है।
इसमें मामले से संबंधित कुछ व्यक्तियों या संभावित गवाहों से पूछताछ करने के लिए न्यायिक आदेशों की आवश्यकता का भी उल्लेख किया गया है।
हाल ही में, अदालत ने मामले में जांच के लिए जब्त किए गए उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जारी करने की मांग करने वाले पुरकायस्थ द्वारा दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया था। न्यायाधीश ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि इस स्तर पर आवेदन की अनुमति देने के लिए आधार पर्याप्त नहीं है।
कोर्ट ने 1 दिसंबर को पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की न्यायिक हिरासत 22 दिसंबर तक बढ़ा दी थी।
पुरकायस्थ और चक्रवर्ती दोनों ने क्रमशः पुलिस द्वारा जब्त किए गए अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की रिहाई और जमानत की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था।
स्पेशल सेल (NS:SAIL) ने मामले के संबंध में 17 अगस्त को न्यूज़क्लिक के खिलाफ यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
अगस्त में, 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की एक जांच में न्यूज़क्लिक पर कथित तौर पर चीनी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से जुड़े नेटवर्क द्वारा वित्त पोषित एक संगठन होने का आरोप लगाया गया था।
--आईएएनएस
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