तिरुवनंतपुरम, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। पिछले हफ्ते कांग्रेस पार्टी ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह के निमंत्रण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को धन्यवाद दिया, इसी के साथ ही केरल में सबसे पुरानी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) पर भाजपा द्वारा निर्धारित एजेंडे में न फंसने का दबाव बनना शुरू हो गया।केरल में आईयूएमएल कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) का दूसरा सबसे बड़ा सहयोगी है। बुधवार को इसके महासचिव पीएमए सलाम ने कांग्रेस को भाजपा के झांसे में न आने की चेतावनी दी।
सलाम ने कहा, ''सभी चुनावों से पहले, भाजपा कोई न कोई हथकंडा लेकर सामने आती है और यह हमारे देश को हिंदू राष्ट्र में बदलने का एक एजेंडा है। भाजपा अनावश्यक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है और कांग्रेस पार्टी को जाल में नहीं फंसना चाहिए।''
यहां स्थित एक सुन्नी संगठन, समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने भी कांग्रेस पार्टी की तीखी आलोचना की है। यह बात उसके बुधवार के संपादकीय में स्पष्ट की गई है, जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा अपनाए गए सॉफ्ट हिंदुत्व के रुख से करारा झटका लगा है।
संपादकीय यह भी कहा गया है कि यह हाल के विधानसभा चुनावों में देखा गया है, जिसमें कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा। सीपीआई (एम) और सीपीआई ने महसूस किया कि यह भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने के लिए एक अग्निपरीक्षा है, इसलिए उन्होंने समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया। इसी तरह कांग्रेस पार्टी को भी ऐसा ही रुख अपनाना चाहिए।''
बुधवार को एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने राम मंदिर के अभिषेक समारोह में कांग्रेस पार्टी के शामिल होने की संभावना पर पूछे गए सवाल को टाल दिया।
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