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ओवैसी जब पढ़ते हैं नमाज तो निकलता है "राम-राम": विनय कटियार (साक्षात्कार)

प्रकाशित 10/01/2024, 06:12 pm
ओवैसी जब पढ़ते हैं नमाज तो निकलता है "राम-राम": विनय कटियार (साक्षात्कार)

अयोध्या, 10 जनवरी (आईएएनएस)। अयोध्या में अब राम मंदिर हकीकत बन चुका है, लेकिन अतीत के पन्ने खोले तो देखेंगे कुछ ऐसे आंदोलनकारी रहे जिन्होंने मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हीं में से एक हैं विनय कटियार। रामजन्मभूमि विवाद के बाद से काफी चर्चित रहे कटियार को भाजपा का फायर ब्रांड नेता माना जाता है। अपने बयानों के कारण अक्सर विवादों में रहने वाले कटियार ने आईएएनएस को दिये साक्षात्कार में कहा कि एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी जब नमाज पढ़ते हैं, तब अल्लाह की जगह राम-राम सुनाई पड़ता है। राममंदिर आंदोलन के अगुवाओ में से एक और बजरंगदल के संस्थापक सदस्य रहे विनय कटियार से अनेक मुद्दे पर खुलकर बातचीत हुई। मंदिर निर्माण के साथ कई मुस्लिमो के हृदय परिवर्तन हो रहे हैं। कुछ मुस्लिम महिलाएं तो प्राण प्रतिष्ठा के लिए दूर दूर से आ रही हैं। लेकिन एआईएमआईएम के मुखिया लगतार सवाल उठा रहे हैं। इस बारे में विनय कटियार ने कहा कि ओवैसी जब नमाज पढ़ते हैं तो उनके अल्लाह की जगह राम-राम निकलता है। वह राम राम ही जपते रहते हैं। जब वह ऐसा कर रहे हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। यह अच्छा हो रहा है।

अयोध्या के विकास के बारे में कटियार ने कहा कि सड़कें चौड़ी की जा रही हैं। विशाल द्वार बनाये गये हैं। इस नई अयोध्या को देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। श्रद्धालुओं का स्वागत किया जा रहा है। घाटों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। एयरपोर्ट को भव्य रूप दिया गया है। ट्रेनें बढ़ गई हैं। बढ़िया ट्रेनें चल गई हैं। डबल लाइन हो गई है। प्रधानमंत्री जी के ध्यान में ये सब चीजें हैं।

उन्होंने कहा कि अयोध्या की मुख्य सड़क चौड़ी हो गई है। पहले एक लेन की होती थी तो निकलना कठिन होता था। हनुमानगढ़ी तक आने में भीड़ लगी रहती थी। उसकी व्यवस्था कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को देखते हुए मंदिर निर्माण का काम बहुत तेजी के साथ हो रहा है। चूंकि यह पत्थर से बन रहा है, ईंट गारे से नहीं, तो यह कारीगरों के लिए बड़ा काम है। वही इसके इंजीनियर भी हैं। इसे बनाने में अभी बहुत समय लगेगा। तीन मंजिला बनना है।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भागीदार होने के जवाब में उन्होंने कहा कि समारोह में अवश्य जायेंगें। यह हमारे संकल्पों और प्रयासों का फल है। मंदिर बनते देखना सौभाग्य की बात है और उनके आराध्य की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होना पुण्यकर्मों का फल। निमंत्रण आ गया है। हमारे पास है। अभी मुंह में थोड़े छाले हैं। इसलिए थोड़ी कठिनाई है। अगर इसने हमको अनुमति दी तो जाएंगे।

सन् 1992 के आंदोलन में बलिदान कारसेवकों के परिवार के लिए मांग के बारे में उन्होंने कहा कि कारसेवको के परिवार की मदद हो रही है। उनके परिवार को हमेशा पूछा जाता है। आगे भी पूछा जाता रहेगा। अब यह हो सकता है कि कुछ नए लोग इस काम में लगाए गए हैं तो भूल गए हों। हम नहीं कह सकते हैं। जिला स्तर पर यह सब सूचना पहुंचाई जा रही है।

उनके पेंशन या ऐसी ही किसी व्यवस्था के बारे में उन्होंने कहा कि फिलहाल, अभी इस काम में सरकारी पेंशन की जरूरत नहीं है। पेंशन समाज देगा। यह काम होगा। जब जिसकी जरूरत पड़ती है उसको देने का काम होता है।

कारसेवकों के बारे में कटियार ने कहा कि उनके परिवार धन-धान्य से परिपूर्ण हैं। इनमें से कोई भी परिवार मुफ्त में कुछ भी नहीं लेना चाहता है। ये सभी स्वाभिमानी हैं। लगभग सभी प्रमुख अवसरों में उन्हें पूछा भी जाता है। ऐसे जब कार्यक्रम होते हैं तो उनको बुलाया भी जाता है। निमंत्रण देने का जो काम कर रहे होंगे, वे इसका पूरा ख्याल रख रहे होंगे।

"अयोध्या एक झांकी है। मथुरा काशी बाकी है" के नारे के बारे में कटियार ने कहा कि जैसे अयोध्या का काम हुआ है सब जुट गए, लोग एक हो गए। वैसे ही आगे भी होगा। संयोग से हमारी सरकार भी है। नरेंद्र मोदी केंद्र में प्रधानमंत्री हैं। वह आते हैं तो अयोध्या घूमते हैं। दलित परिवार भी उनको दिखाई देता है। चाय पीने के लिए जाते है।

उन्होंने कहा, "आप लोग अक्सर कहते रहे हैं कि मंदिर बनने में कांग्रेस अड़ंगा लगाती रही। लेकिन अभी एक सूचना ये आई है कि वह लोग 15 तारीख को यहां पर दर्शन करने आ रहे हैं।"

पूर्व सांसद ने कहा कि आ रहे हैं अच्छी बात है। किसने मना किया है। हमने किसी को मना नहीं किया। यह हमारा काम है भी नहीं। यह पार्टी या संगठन का भी काम नहीं है। संगठन का काम तो यह है कि इस समय 22 तारीख के कार्यक्रम को ठीक से संपन्न कराये। यह भी समझाना होगा कि किसी कारणवश कोई रामलला का दर्शन नहीं कर पा रहा है, उसे बाद में दर्शन कराने में संगठन सिर्फ सहायोगी बन सकता है। सपा नेता शिवपाल का तो एक बयान है कि राम मंदिर जो है, भाजपा नहीं बनवा रही है, कोर्ट बनवा रहा है और हम दर्शन करने जाएंगे।

उन्होंने कहा कोर्ट की बात मान लें। क्या दिक्कत है। जिन लोगों को कोर्ट अच्छा लग रहा है तो कोर्ट को माने। इसमें कहां आपत्ति है? जिन-जिन लोगों ने कोर्ट में बैठ करके निर्णय दिया है, वह भी लोग दर्शन करने आयेंगे। सब चाहते हैं मंदिर बने तो मंदिर बन रहा है।

ज्ञात हो कि भाजपा के वरिष्ठ नेता विनय कटियार ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन सचिव के तौर पर की थी। 1980 में आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक बने। 1982 में उन्होंने हिंदू जागरण मंच में रहे। 1984 में वे बजरंग दल के संस्थापक सदस्य बने। राम मंदिर आंदोलन को धार देने के लिए उन्हें यूपी भाजपा का अध्यक्ष भी बनाया गया। 2002 से 2004 तक यूपी भाजपा अध्यक्ष रहे। उन्हें पार्टी राष्ट्रीय महासचिव भी नियुक्त किया गया। विनय कटियार फैजाबाद लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं। वह 1991, 1996 और 1999 में लोकसभा के लिए चुने गए थे। वह राज्यसभा के सांसद भी रहे।

--आईएएऩएस

विकेटी/एकेजे

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