भोपाल, 15 जनवरी (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख करीब आने के साथ ही मध्य प्रदेश में ही राम वन गमन पथ के विकास के लिए सरकार ने कदमताल तेज कर दी है। भगवान राम ने वनवास काल के दौरान लगभग 11 वर्ष का समय चित्रकूट और उसके आसपास बिताया था, वनवास काल में जिन स्थानों से भगवान राम गुजरे उन स्थलों को चिन्हित कर आकर्षक रूप दिए जाने की लंबे अरसे से कोशिश चल रही है।
शिवराज सिंह चौहान जब मुख्यमंत्री थे, तब रामचंद्र पथ गमन न्यास का गठन किया गया था, लेकिन इस न्यास की एक भी बैठक नहीं हो पाई थी।
कमलनाथ के नेतृत्व में बनी सरकार ने वर्ष 2019 में भी 22 करोड़ रुपए का बजट इस कार्य योजना के लिए आवंटित किया, मगर उस पर भी कोई काम नहीं हुआ।
शिवराज सिंह चौहान फिर सरकार में लौटे तो वर्ष 2022 में 300 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया ताकि मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जा सके, मगर बात आगे नहीं बढ़ी।
राम वन गमन पथ पर जिन 23 स्थान को चिन्हित किया गया है उन स्थानों को जोड़ने के लिए मार्ग का निर्माण होना है। सभी स्थान सड़क मार्ग से जुड़े और सुविधाजनक बने ताकि वहां पर्यटक गतिविधियां विकसित हो साथ ही सुविधाओं का विकास किया जाना है।
राज्य में मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार बनी है और इस सरकार ने 16 जनवरी को चित्रकूट में श्री रामचंद्र पथ गमन न्यास की पहली बैठक बुलाई है। इस बैठक में उन स्थानों को विकसित करने की कार्य योजना पर चर्चा होगी जहां से श्री राम वनवास के समय गुजरे थे। बैठक में आसपास के संभागों के संभाग आयुक्त और जिलाधिकारी को बुलाया गया है।
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