कोलकाता, 26 जनवरी (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को राशन वितरण मामले में आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शंकर आध्या के बारे में जानकारी मिली है कि कैसे उन्होंने उनसे जुड़ी विभिन्न विदेशी मुद्रा डीलिंग कंपनियों के माध्यम से किए गए ऐसे रूपांतरणों पर भारतीय रिजर्व बैंक को गलत जानकारी दी। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि विशेष रूप से ईडी अधिकारियों की जांच के दायरे में वित्तीय वर्ष 2012-13 के दौरान ऐसी संस्थाओं के माध्यम से किए गए विदेशी मुद्रा रूपांतरण हैं।
आध्या से जुड़ी एक विशेष इकाई द्वारा देश के शीर्ष बैंक को दिए गए बयानों के अनुसार, समीक्षाधीन वित्तीय वर्ष के दौरान उस इकाई के माध्यम से केवल 50,000 रुपये की राशि का भुगतान किया गया था।
हालांकि, सूत्रों ने कहा, ईडी को ऐसे निश्चित दस्तावेज मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि उसी वित्तीय वर्ष के दौरान उसी इकाई के माध्यम से किया गया वास्तविक विदेशी मुद्रा रूपांतरण कई करोड़ रुपये का था।
ईडी के अधिकारियों ने इस बात पर भी कुछ विचार किया है कि उक्त इकाई ने आरबीआई को ऐसी गलत जानकारी क्यों दी। सूत्रों के अनुसार, ऐसा इसलिए था, क्योंकि ऐसे रूपांतरणों के मामले में निर्धारित मानदंडों से हटकर इतने बड़े विदेशी मुद्रा रूपांतरण किए गए थे।
मानदंडों के अनुसार, जो व्यक्ति इस विदेशी मुद्रा विनिमय के लिए जा रहे हैं, उन्हें विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत भारतीय रुपये को विदेशी मुद्रा में परिवर्तित करते समय यात्रा विवरण प्रस्तुत करना होगा।
हालांकि, सूत्रों ने कहा, ईडी के अधिकारियों को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि रूपांतरण के समय आध्या से जुड़ी विदेशी मुद्रा लेनदेन करने वाली संस्थाओं द्वारा ऐसे बुनियादी मानदंडों का पालन नहीं किया गया था।
ईडी के अधिकारी कोलकाता में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत को लगातार अपडेट कर रहे हैं कि कैसे राशन वितरण मामले में प्राप्त आय को पहले विदेशी मुद्राओं में परिवर्तित किया गया और बाद में हवाला का उपयोग करके विदेशों में, मुख्य रूप से दुबई और बांग्लादेश में जमा किया गया।
--आईएएनएस
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