भोपाल, 20 मार्च (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के चलते मध्य प्रदेश में विभागीय प्रस्तावों के परीक्षण और अनुशंसा के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग समिति का गठन किया गया है। अब कोई भी विभाग प्रस्ताव को सीधे निर्वाचन पदाधिकारी को भेजने की बजाय स्क्रीनिंग कमेटी को भेजेगा। राज्य शासन द्वारा विभागों के प्रस्ताव के परीक्षण या अनुशंसा करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी में प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन तथा प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाले विभागों से संबंधित अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव या सचिव सदस्य होंगे।
लोकसभा निर्वाचन-2024 की आचार संहिता के दौरान अब कोई भी विभाग अपना प्रस्ताव स्क्रीनिंग कमेटी के परीक्षण या अनुशंसा के पहले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अथवा सीधे भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित नहीं करेगा।
स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करने के पूर्व प्रशासकीय विभाग भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पर्याप्त अध्ययन और उसके अनुसार परीक्षण करेगा। उसके बाद ही प्रस्ताव स्क्रीनिंग कमेटी को भेजेगा।
राज्य शासन की ओर से की गई व्यवस्था के मुताबिक प्रशासकीय विभाग को अपने प्रस्ताव में यह भी बताना होगा कि प्रस्ताव क्यों अत्यन्त महत्वपूर्ण है और निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक इसे क्यों नहीं रोका जा सकता है।
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