नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव से पहले मायावती को बड़ा झटका देते हुए बिजनौर से बसपा सांसद मलूक नागर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और गुरुवार को राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हो गए। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मलूक नागर को गुरुवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान पार्टी में शामिल किया। मलूक नागर के आरएलडी में शामिल होने से माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी को अच्छा खासा फायदा होगा। मलूक नागर की बिजनौर और उसके आसपास के इलाके में काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है। उनकी गिनती मायावती के भरोसेमंद नेताओं में होती थी।
2009 और 2014 में मेरठ और बिजनौर सीट से चुनाव हारने के बाद भी बीएसपी सुप्रीमो ने उन पर भरोसा जताया था और 2019 में फिर बिजनौर से प्रत्याशी बनाया। सपा के साथ गठबंधन का फायदा मिलने की वजह से उन्हें जीत मिली और वो संसद पहुंचे।
इसके अलावा मलूक नागर की गिनती यूपी के सबसे अमीर सांसदों में भी होती है। मलूक नागर यूपी के बड़े कारोबारी हैं।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, नागर की कुल संपत्ति करीब 250 करोड़ रुपए है। उनके पास 115 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति है। इसमें प्रॉपर्टी और कृषि की जमीन आती है। मलूक पर बैंकों का काफी कर्ज भी है। उन पर बैंकों का 101.61 करोड़ रुपये बकाया है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (NS:SBI) ने मलूक नागर और उनके भाई के खिलाफ 54 करोड़ रुपये की वसूली का भी नोटिस जारी किया था। इसके बाद उनके कुछ ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग की रेड भी हुई थी।
मालूक नागर के आरएलडी में शामिल होने के बाद जयंत चौधरी ने कहा कि आज एक जमीनी नेता पार्टी में शामिल हो रहा है। वे पहले भी लोक दल के अध्यक्ष रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वो आरएलडी में शामिल होना चाहते थे। उनके साथ लखीराम नागर और सुधा नागर भी आरएलडी में शामिल हो रहे हैं।
बता दें कि बीएसपी ने इस बार बिजनौर सीट से सांसद मलूक नागर का टिकट काट दिया था। उनकी जगह मायावती ने चौधरी ब्रजेंद्र सिंह को बीएसपी का उम्मीदवार बनाया है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही मलूक नागर के बीएसपी छोड़ने की खबर सामने आई थी। लेकिन बिजनौर से टिकट कटने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
--आईएएनएस
पीकेटी/एसकेपी