नैनीताल, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तराखंड की वन संपदा आग लगने के कारण नष्ट होती जा रही है। वन विभाग लगातार जंगलों में लगी आग को बुझाने में लगा हुआ है। वहीं नैनीताल के पाइंस के जंगलों में शुक्रवार से ही आग लगी हुई थी, जिस पर काबू पा लिया गया है। यह आग हल्द्वानी के साथ कोटद्वार तक बढ़ती जा रही थी। इतना ही नहीं, पाइंस के जंगलों में लगी आग ने अपनी चपेट में भूमियाधार, ज्योलिकोट, नारायणनगर, भवाली, रामगढ़ और मुक्तेश्वर आदि जंगलों को भी ले लिया था।रिहायशी इलाकों की तरफ आग को बढ़ते देख मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सेना से मदद मांगी। जिसके बाद वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर नैनीताल पहुंचा। शनिवार सुबह से ही वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भर कर पाइंस के जंगलों में लगी आग पर डाला, जिससे पाइंस के जंगलों में लगी आग पर काबू पाया गया।
इससे पहले 2019 और 2021 में भी इसी तरह की स्थिति बनी थी। तब भी राज्य सरकार ने वायुसेना की मदद ली थी और एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से जंगलों की आग पर काबू पाया था।
जंगलों में आग लगाते हुए तीन लोगों को वन विभाग के अधिकारियों ने पकड़ा है। उन पर भारतीय वन अधिनियम 1927 के अन्तर्गत वन अपराध में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
रुद्रप्रयाग प्रभागीय वनाधिकारी के नेतृत्व में गठित वनाग्नि सुरक्षा दल की ओर से नरेश भट्ट को जंगल में आग लगाते हुए जखोली तहसील के तडियाल गांव से पकड़ा गया है। आरोपी ने बताया कि बकरियों की घास के लिए उसने जंगल में आग लगायी। वहीं उत्तरी जखोली के डंगवाल गांव में हेमन्त सिंह और भगवती लाल को जंगल में आग लगाते हुए मौके से पकड़कर जेल भेज दिया गया।
उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर की घटनाओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हल्द्वानी के वन अधिकारियों के साथ बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में प्रदेश में बढ़ती इस तरह की घटनाओं पर काबू पाए जाने को लेकर चर्चा होगी।
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स्मिता/एकेएस