40% की छूट पाएं
🔥 हमारी एआई-चयनित स्टॉक स्ट्रेटेजी, टेक टाइटन्स, मई में अब तक +7.1% ऊपर है। स्टॉक्स में तेज़ी होने पर लाभ उठाएं।40% की छूट क्लेम करें

उत्तराखंड के जंगलों में आग का तांडव : अगलगी की अब तक 1038 घटनाएं हुईं, 1385. 848 हैक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित

प्रकाशित 09/05/2024, 05:48 am
उत्तराखंड के जंगलों में आग का तांडव : अगलगी की अब तक 1038 घटनाएं हुईं, 1385. 848 हैक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित

देहरादून, 9 मई (आईएएनएस)। देवभूमि उत्तराखंड इन दिनों जंगलों में आग की समस्‍या से जूझ रहा है। चमोली, चकराता, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और jनैनीताल हर जगह आग का तांडव दिखाई दे रहा है। कुमाऊँ और गढ़वाल मंडल दोनों ही हिस्से इस समय आग से जल रहे हैं। लाखों की वन संपदा भी जलकर खाक हो गई है। अभी तक कुल 1385.848 हैक्टेयर क्षेत्र वनाग्नि से प्रभावित हुआ है।जंगल की आग से जहां हवा में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बहुत बढ़ गई है, तो वहीं जंगलों में लगी आग के कारण विभिन्न प्रजातियों, वनस्पतियों समेत पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा है। प्रदेश के जंगलों में आग की लगातार बढ़ती घटनाओं ने सभी को चिंता में डाल दिया। मुख्यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए।बुधवार को देहरादून सचिवालय में एक उच्‍चस्‍तरीय बैठक की। उन्‍होंने कहा कि फायर लाइन बनाने की कार्रवाई में वह स्वयं भी हिस्‍सा लेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वनाग्नि को पूर्णतः रोकने के लिए सभी सचिवों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने कहा कि सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।

उधर, मुख्यमंत्री धामी ने रुद्रप्रायग में पिरूल हटाकर जनजागरूकता का संदेश भी दिया। मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद आग लगाने वालों के विरुद्ध 390 मुकदमे दर्ज कर 64 व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है। दूसरी तरफ, लापरवाही बरतने पर 10 कार्मिकों को निलंबित कर 7 के अटैचमेंट व अन्य कार्रवाई भी की जा चुकी है। वहीं अभी तक वनाग्नि में 5 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 4 लोग झुलसकर घायल भी हो चुके हैं। उत्तराखंड के जंगलों की आग का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इतना ही नहीं, जंगल की आग बुझाने के लिए भारतीय वायुसेना की भी मदद ली जा रही है। वन विभाग की टीमें और ग्रामीणों के साथ-साथ वन प्रहरी जंगलों की आग बुझाने में लगे हुए हैं। बावजूद इसके जंगल की आग शांत होने का नाम नही ले रही है।

तृतीय पक्ष विज्ञापन। Investing.com द्वारा कोई प्रस्ताव या अनुशंसा नहीं। यहां प्रकटीकरण देखें या विज्ञापन हटा दें

आग सिर्फ जंगल तक ही सीमित नहीं रही है, बल्कि इसने कई मंदिर, बैंक, खेतों, सरकारी स्कूलों और भवनों के साथ साथ वन विभाग की नर्सरी को भी जला दिया है। वही पिछेल तीन दिनों से पौड़ी जिले में श्रीनगर और उसके आसपास के इलाकों में जंगल में आग लगी हुई है, जिस पर काबू पाने के लिए वायुसेना को मोर्चा संभालना पड़ा। पौड़ी जिले में वायुसेना का वनाग्नि बुझाने का अभियान बुधवार तीसरे दिन भी जारी है। वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्‍टर ने अदवाणी, खिरसू और चोरकंडी में आग बुझाई है।

वायुसेना ने पौड़ी में जंगल की आग बुझाने का अभियान 6 मई से शुरू किया था। बुधवार को मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल नरेश कुमार पौड़ी पहुंचे। उन्‍होंने बताया कि बेकाबू हो रही वनाग्नि की घटनाओं पर काबू पाने के प्रयास लगातार जारी हैं। सड़कों के आसपास फैली आग जब ऊंची पहाड़ियों तक पहुंच रही है, तो फिर जंगल की आग को काबू कर पाना वन विभाग के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो रहा है। ऐसे में वायुसेना के हेलीकॉप्टर से मदद ली जा रही है। एमआई 17 हेलीकॉप्टर पानी के बकट से ढाई हजार लीटर पानी एक रांउड में छोड़ रहा है। वन विभाग की टीम भी मुस्तैदी के साथ वनाग्नि को नियंत्रित करने के प्रयास कर रही है।

बुधवार शाम को जारी वनाग्नि बुलेटिन में जानकारी दी गई है कि 1 मई 2024 से लेकर 8 मई 2024 तक गढ़वाल मंडल में आरक्षित क्षेत्र में 203 वनाग्नि की घटनाएं हुई हैं। जबकि सिविल वन पंचायत में 180 घटनाएं हुई हैं। यानी गढ़वाल क्षेत्र में इन दिनों को मिलाकर 383 कुल अग्नि घटनाएं हुई हैं। जबकि प्रभावित क्षेत्र की बात करें तो उसमें गढ़वाल मंडल में आरक्षित वन 300.975 हेक्टेयर है। जबकि सिविल वन पंचायत 168. 78 हैक्टेयर है। वनाग्नि से गढ़वाल का 459.755 हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। कुमाऊँ मंडल आरक्षित क्षेत्र में 404 वनाग्नि की घटनाएं हुई हैं। जबकि सिविल वन पंचायत में 167 घटनाएं हुई हैं। कुमाऊँ क्षेत्र में कुल 571 अगलगी की घटनाएं हुई हैं।

तृतीय पक्ष विज्ञापन। Investing.com द्वारा कोई प्रस्ताव या अनुशंसा नहीं। यहां प्रकटीकरण देखें या विज्ञापन हटा दें

प्रभावित क्षेत्र की बात करें तो उसमें कुमाऊँ मंडल में आरक्षित वन 532.5125 हेक्टेयर है, जबकि सिविल वन पंचायत 276.55 हैक्टेयर है। वनाग्नि से कुमाऊँ का 809.0625 हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। वन्यजीवों का आरक्षित क्षेत्र में प्रभावित होने की 67 घटनाएं हुई हैं और सिविल वन पंचायत में 17। इसका कुल आंकड़ा 84 है। जबकि आरक्षित वन में ये संख्या 88.23 है। सिविल वन पंचायत में 18.8 है। इसका कुल आंकड़ा 107.03 है। गढ़वाल मंडल, कुमाऊँ मंडल और वन्यजीवों की क्षति का आंकड़ा 674 है,जबकि सिविल वन पंचायत में कुल आंकड़ा 364 है। यानी अभी तक कुल मिलाकर 1038 आग की घटनाएं हुई हैं। गढ़वाल और कुमाऊँ को मिलाकर कुल 921.7175 हैक्टेयर वनक्षेत्र प्रभावित हुआ है। सिविल वन पंचायत में 464.13 हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। अभी तक कुल 1385.848 हैक्टेयर क्षेत्र वनाग्नि से प्रभावित हुआ है। --आईएएनएस स्मिता/

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित