कोलकाता, 29 जून (आईएएनएस)। दार्जिलिंग, कर्सियांग और कलिम्पोंग की पहाडि़यों में तृणमूल कांग्रेस के विरोधी दलों के गठबंधन के नेताओं ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से पंचायत चुनावों के बाद भी राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने की मांग की। पंचायत चुनाव के लिए आठ पार्टियों ने यूनाइटेड गोरखा मंच का गठन किया है। इसमें भाजपा, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, हमरो पार्टी, गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ रिवॉल्यूशनरी मार्क्सिस्ट्स, अखिल भारतीय गोरखा लीग, सुमेती मुक्ति मोर्चा और गोरखालैंड राज्य निर्माण पार्टी शामिल हैं। इसका गठन दार्जिलिंग और कलिम्पोंग के दो पहाड़ी जिलों में किया गया है। पहाड़ियों में उनका प्रमुख प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस और अनित थापा के नेतृत्व वाला भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (बीजीपीएम) का गठबंधन है।
दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिस्ता के नेतृत्व में संयुक्त गोरखा मंच के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और चुनाव के बाद हिंसा की आशंका के बाद पहाड़ियों में केंद्रीय सशस्त्र बलों की निरंतर उपस्थिति में उनके हस्तक्षेप का अनुरोध किया।
बैठक के बाद बिस्ता ने पत्रकारों से कहा कि तृणमूल कांग्रेस और बीएचपीएम गठबंधन भी ग्रामीण नागरिक निकाय चुनावों को लेकर पहाड़ियों में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे गठबंधन सहयोगियों के कार्यकर्ताओं को इस संबंध में नियमित धमकियां मिल रही हैं। इसलिए हमने नतीजे घोषित होने के बाद भी केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने की मांग की है क्योंकि हमें चुनाव के बाद बड़ी हिंसा की आशंका है।''
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के दार्जिलिंग हिल अध्यक्ष और पार्टी के राज्यसभा सदस्य शांता छेत्री ने आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन सहयोगी पहाड़ियों के बारे में गलत संदेश फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, “वे लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। अजीब बात यह है कि ऐसे गठबंधन केवल चुनाव से पहले ही सामने आते हैं। चुनाव खत्म होने के बाद वे गायब हो जाते हैं।”
--आईएएनएस
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