चेन्नई, 1 जुलाई (आईएएनएस)। विपक्षी अन्नाद्रमुक, जो पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) के जाने के बाद एक बड़े संकट का सामना कर रही है, तमिलनाडु राज्य में अपनी राजनीतिक जगह हासिल करने की कोशिश कर रही है।पार्टी 5 जुलाई को होने वाली पार्टी जिला पदाधिकारियों की बैठक के बाद सत्तारूढ़ द्रमुक के खिलाफ आक्रामक रूप से सामने आएगी।
अन्नाद्रमुक, जिसने पहले ही राज्य के सभी 234 विधानसभा क्षेत्रों में एक पूर्णकालिक आयोजक नियुक्त कर दिया है, जमीनी स्तर पर पार्टी की वास्तविक स्थिति पर उचित प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए 5 जुलाई को पार्टी जिला स्तर के पदाधिकारियों की एक बैठक की योजना बना रही है।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर अपनी स्थिति पर फीडबैक लेने के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनावों में मैदान में उतरने के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों का चयन करने के लिए एक आंतरिक सर्वेक्षण की भी योजना बना रही है।
गौरतलब है कि स्टालिन की लोकप्रियता और द्रमुक को उसकी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से मिल रहे समर्थन को देखते हुए राज्य में अन्नाद्रमुक की हालत मुश्किल बनी हुई है।
अन्नाद्रमुक और उसके गठबंधन सहयोगी भाजपा के रिश्ते अच्छे नहीं हैं और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई बार-बार अन्नाद्रमुक नेतृत्व के खिलाफ हमले बोल रहे हैं।
अन्नामलाई के बयानों पर एआईएडीएमके नेतृत्व ने भी पलटवार किया है और इससे तमिलनाडु में एनडीए की बदनामी हुई है।
ओपीएस और पूर्व अंतरिम महासचिव वीके शशिकला के बाहर निकलने के साथ, अन्नाद्रमुक सचमुच दक्षिण तमिलनाडु में अनाथ हो गई।
ओपीएस और शशिकला दोनों थेवर समुदाय से हैं जो राज्य में वोटों का रुख मोड़ सकते हैं। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, 5 जुलाई को होने वाली अन्नाद्रमुक की बैठक में 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की किस्मत के फायदे और नुकसान का विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा।
अन्नाद्रमुक द्रमुक मंत्रियों और यहां तक कि मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को उजागर करने का भी प्रयास करेगी।
अन्नाद्रमुक के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि वह भाजपा के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रही है और भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के साथ उचित चुनावी गठबंधन करने का इच्छुक है।
--आईएएनएस
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